लखनऊ। हार्ट को हेल्दी रखने के लिए प्रतिदिन कम से कम दस हजार कदम चलने की आवश्यकता होती है। ऐसा करने से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है। खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल भी कम हो जाता है। यह बात गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर आयुर्विज्ञान लोहिया संस्थान में कॉर्डियोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी ने दी।
डा. तिवारी सोमवार को हार्ट दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी ने कहा कि पैदल चलने से हार्ट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं आैर वजन भी कंट्रोल में रहता है। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी सहायता मिलती है। जिससे हार्ट की डिजीज के साथ स्ट्रोक का खतरा कम होता है। इसके अलावा सप्ताह में लगभग ढाई घंटे मध्यम व्यायाम भी जरूर करना चाहिए।
डॉ. भुवन ने कहा कि आहार पर नियंत्रण रखना चाहिए। ज्यादा तली भुनी खाद्य पदार्थ स्वास्थ को नुकसान पहुंचा सकती है। फास्ट फूड भी हानिकारक होता है। इसके अलावा खाने में अलग से नमक लेने से बचना चाहिए।
निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने कहा कि स्वस्थ जीवनशैली ही बेहतर स्वास्थ के लाभदायक है। उन्होंने कहा कि लोगों को लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का प्रयोग करना चाहिए, दुकान या काम पर जाते समय कार को थोड़ी दूर पार्क करें, ताकि अधिक कदम चल सकें। किसी दोस्त या सहकर्मी के साथ टहलना चाहिए। इसके लिए एक वॉक ग्रुप में शामिल हों जाए। इसके साथ ही अपने काम में छोटे ब्रोक लेना चाहिए। कुलसचिव व ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग प्रमुख डॉ. सुब्रात चन्द्रा ने कहा कि दिल की बीमारियों की रोकथाम में जागरूकता और शिक्षा की भूमिका अहम है। डीन कार्यक्रम में सीएमएस डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. सुमित दीक्षित, डॉ. आशीष झा समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहे।
उधर हार्ट दिवस पर बलरामपुर अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में निदेशक डा. कविता आर्य ने सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वस्थ आहार से दिल की सेहत को दुरुस्त रखा जा सकता है। जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज को शामिल किया जा सकता है। अस्पताल के प्रेक्षागृह में आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में डॉ. आर्या ने कहा कि दिल की सेहत के लिए मौसमी फलों का सेवन करें। वहीं फास्ट फूड, तले हुए भोजन, बिस्कुट और पेस्ट्री से बचें। सोडियम का अत्यधिक सेवन उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है। लिहाजा नमक का सेवन कम करें।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवाशीष शुक्ला ने कहा कि पर्याप्त नींद लेने से हार्ट को बीमार होने से बचा सकते हैं। घबराहट, हार्ट बीट बढ़ना आदि समस्याओं से निजात पा सकते हैं। तनाव का प्रबंधन करें। वजन नियंत्रित करें। इससे हार्ट, फेफड़ों और रक्त वाहिकाओं पर दबाव कम होता है। जो दिल के दौरा पड़ने के जोखिम को घटाता है।
सीएमएस डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत चिकित्सालय परिसर में जागरूकता रैली एवं हस्ताक्षर अभियान से हुई।