विलय के बाद सोमवार को लोहिया संस्थान का आज पहला दिन

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लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान कल (सोमवार) को नया इतिहास लिखने जा रहा है। लोहिया अस्पताल का विलय पूरा होने के बाद कल से संस्थान प्रशासन के नेतृत्व में अस्पताल का भी संचालन होगा। अस्पताल के 43 डाक्टरों को संस्थान में विलय किया गया है, लेकिन अभी तक मात्र 15 डाक्टरों ने ही संस्थान में ज्वाइन किया है। मेडिसिन विभाग, सर्जरी विभाग, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, आर्थोपैडिक आदि प्रमुख विभागों का संचालन महत्वपूर्ण होगा।

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बताते चले कि लोहिया अस्पताल का संस्थान में विलय की प्रक्रिया करीब सात वर्षो से चल रही है। संस्थान में एमबीबीएस, पीजी सुपर स्पेशियालिटी पाठ¬क्रमों का संचालन किया जा रहा है। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के मानकों के अनुसार 200 एमबीबीएस सीटों के लिए करीब 450 बिस्तरों की आवश्यकता है। लोहिया अस्पताल के विलय के बाद यह मानक पूरे गये है। विलय की प्रक्रिया में अस्पताल के 43 डाक्टरों को संस्थान में विलय किया गया है। इसमें तीन डाक्टर इमरजेंसी मेडिकल आफिसर है। अस्पताल के शेष बचे 40 डाक्टरों को बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल, डफरिन अस्पताल, झलकारी बाई अस्पताल के साथ लोकबंधु अस्पताल तबादला कर दिया गया है। इन अस्पतालों में रिक्त डाक्टरों के पदों को भरने की कोशिश की गयी है।

इसमें सबसे अधिक डाक्टर सिविल अस्पताल भेजे गए हैं। दूसरे नंबर पर बलरामपुर अस्पताल भेजे गए हैं। सभी डॉक्टर सोमवार से ओपीडी में अपनी सेवाएं देंगे। सबसे अधिक डॉक्टर सिविल अस्पताल को मिले हैं। यहां पर दस डॉक्टरों की तैनाती की गई है। इसमें ईएमओ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, आर्थोपैडिक डॉक्टर हैं। बलरामपुर अस्पताल को आठ डॉक्टर मिले हैं। इसमें दो ईएमओ, एनेस्थिसिया, बाल रोग विशेषज्ञ भी शामिल हैं। इसी तरह डफरिन अस्पताल में सात महिला विशेषज्ञों की तैनाती की गई है। वहीं अवंतीबाई अस्पताल में भी दो विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं।

लोकबंधु अस्पताल में सर्जरी व आर्थोपैडिक विशेषज्ञ तैनात हुए हैं। उधर लोंिहया संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी रविवार को भी संचालन के लिए तैयारी करते रहे। संस्थान के निदेशक डा. ए के त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल का लोंिहया संस्थान में विलय के बाद पहला दिन होगा। इससे मेडिसिन विभाग, सर्जरी, आर्थोपैडिक, बाल रोग विभाग का संचालन महत्वपूर्ण है। इसके अलावा इमरजेंसी से लेकर अन्य व्यवस्था वैसी रहेगी। धीरे -धीरे परिवर्तन करने की रूप रेखा बनायी जाएगी।

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