बांग्लादेश सरकार का फूंका पुतला*
लखनऊ। बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हिंसक हमलों, हत्याओं, व उनकी माताओं बहनों के मान भंग की खबरों के विभिन्न संचार माध्यमों से संज्ञान में आने व तत्काल में दीपू दास की नृशंस हत्या पर लखनऊ में जन आक्रोश उमड़ पड़ा ।
विश्व हिंदू परिषद / बजरंग दल के बैनर तले हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं व आक्रोशित हिंदू समाज द्वारा पटेल प्रतिमा अटल चौक पर एकत्रित होकर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया तथा बांग्लादेश सरकार व इस्लामिक जिहाद का पुतला फूंका । संगठन ने भारत सरकार से यह मांग की कि बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं के परिजनों , उनके धार्मिक स्थलों तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने के लिए बांग्लादेश सरकार से सशक्त वार्ता की जाए व सरकार हिंदुओं की समस्याओं पर सतत दृष्टि बनाए रखें ।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री विजय प्रताप ने कहा की भारत का प्रत्येक हिंदू , बांग्लादेश के अपने हिंदू भाइयों व बहनों के साथ खड़ा है उन पर होने वाले अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आवश्यकता पड़ेगी तो मुंह तोड़ जवाब देने के कार्य विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता करेंगे। बांग्लादेश की हिंसक घटनाओं से न सिर्फ भारत में अपितु संपूर्ण विश्व का हिंदू आक्रोशित है , विजय प्रताप जी ने भारत में बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ तथा रोहिंग्या मुसलमान की बढ़ती हुई संख्या पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वक्त आ गया है कि इनको भारत से खदेड़ कर बाहर किया जाए।
भारत में रहने वाले हिंदू को जाग जाना चाहिए ।। वही प्रदर्शन में मौजूद विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री देवेंद्र जी ने बताया बांग्लादेश ,पाकिस्तान जैसे राष्ट्रो में हिंदुओं की घटती हुई संख्या तथा जबरन धर्म परिवर्तन का भी मुद्दा उठाया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में संगठन के पदाधिकारी , युवा तथा माताएं, बहने भी उपस्थित रही ।। प्रदर्शन में में मुख्य रूप से विश्व हिंदू परिषद के प्रांत अध्यक्ष कन्हैया लाल अग्रवाल प्रान्त प्रचार प्रमुख नृपेंद्र विक्रम सिंह,संजय सिंह, जिला संगठन मंत्री समरेंद्र,मनोज शर्मा, सुभाष शर्मा,विजय बजरंगी , पंकज तिवारी , गणेश शंकर पवार, तरनजीत सिंह डंग, धीरज सोनकर, अमित श्रीवास्तव , नीरज सिंह, शुभम सिंह, यादवेंद्र ,अखंड, नरेंद्र
आदि पदाधिकारी गण मौजूद रहे।











