लखनऊ। पीजीआई के डॉक्टरों ने 11 दिन से वेंटीलेटर पर जिंदगी और मौत की जंग लड़ने वाले कोरोना संक्रमित 75 साल के बुजुर्ग को बचा लिया है। यह रेमडेसिविर दवा से संभव हुआ है। डॉक्टरों का दावा है कि कोविड अस्पताल में वेंटीलेटर पर जाने के बाद ठीक होने वाला यह दूसरा मरीज है। पीजीआई के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. कोविड अस्पताल के कोरोना आईसीयू एक के प्रभारी डॉ. जिया हाशिम बताते हैं कि कोरोना संक्रमित प्रेम प्रकाश (75) कोविड अस्पताल में 9 जुलाई को भर्ती हुए थे। मरीज को गंभीर निमोनिया के चलते श्वसन तंत्र काम करना बंद कर दिया था। मरीज के एक्यूट रिसपाइरेटरी ड्रिसट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) की चपेट में आने पर 11 जुलाई को गंभीर अवस्था में वेंटीलेटर पर शिफ्ट किया गया।
आईसीएमआर के प्रोटोकाल के तहत मरीज का इलाज चल रहा था। डॉ. हाशिम ने मरीज को क्लिनिकल प्रबंधन के साथ रेमडेसिविर दवा दी। इस दवा से धीरे-धीरे फेफड़े में संक्रमण कम होने होने लगा। 11 दिन बाद मरीज की कोरोना का रिपोर्ट भी निगेटिव आ गया। मरीज को 14 दिन होम क्वारन्टीन की सलाह देकर छुट्टी कर दी। पीजीआई निदेशक डॉ.आरके धीमान बताते हैं कि प्रेम प्रकाश को एआरडीएस की वजह से फेफड़ों में संक्रमण बहुत ज्यादा बढ़ गया था। मरीज सांस नही ले पा रहा था। जिसके चलते वेंटिलेटर पर लिया गया। ऐसे मरीजों के वेंटिलेटर पर जाने के बाद ठीक होने की संभावनाएं बहुत कम होती है। इसके बावजूद डॉक्टरों ने मरीज को रेमडेसिविर दवा दी। डॉक्टर और पैरा मेडिकल टीम के अथक प्रयास का नतीजा रहा कि मरीज 11 दिन बाद वेंटिलेटर से बाहर आने के बाद ठीक होकर अपने घर गया।