यूएसएफडीए सपोर्ट व पीजीआई की मदद से केजीएमयू में दूर हो रहा संक्रमण

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्रिटकल केयर वेंटिलेटर यूनिट में कैडिडाआरिस नाम का खतरनाक फंगस मिलने के बाद आपरेशन थियेटर व वेंटिलेटर यूनिट को विसंक्रमित कराने के लिए यूएस एफडीए सपोर्ट व पीजीआई की टीम का सहयोग लिया जा रहा है। ताकि संक्रमण से बचा जा सके। इसके अलावा यह टीम केजीएमयू के टीम को प्रशिक्षित भी कर रही है।

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केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में क्रिटकल केयर यूनिट में कैडिडा आरिस फंगस से दो लोगों की मौत हो गयी थी। इसके बाद वहां पर हंगामा मच गया। संक्रमण से बचने के लिए कोशिश शुरू कर दी गयी। इस बीच पीजीआई व यूएस एफडीए सपोर्ट की टीम से आपरेशन थियेटर का विसंक्रमित कराने का निर्णय लिया जा चुका था। इस टीम ने ट्रामा सर्जरी विभाग का आरएसओ वार्ड व आपरेशन थियेटर को विसंक्रमित किया। इसके साथ ट्रामा वेंटिलेंटर यूनिट (टीवीयू) को विसंक्रमित किया। बताया जाता है कि आरआईसी यूनिट भी को भी इसी टीम ने विसंक्रमित किया है। अब केजीएमयू के अन्य वेंटिलेटर यूनिट के साथ ही आपरेशन थियेटर को विसंक्रमित कराने की तैयारी है। खास कर जहां भी वेंटिलेटर यूनिट है, वहां पर इस टीम से विसंक्रमित कराने की तैयारी चल रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि वेंटिलेटर यूनिट सबसे ज्यादा संवेदनशील जगह है। जहां पर मरीज लम्बे समय तक जीवनरक्षक उपकरणों के बीच रहता है आैर उसे कई प्रकार के संक्रमण होने की आशंका रहती है। ऐसे में यूनिट जितना विसंक्रमित रहेगा। उतना मरीज के स्वास्थ के लिए बेहतर रहेगा। इस बारे में माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग की वरिष्ठ डाक्टर व शोधकर्ता डा. शीतल वर्मा का कहना है कि पीजीआई की टीम के साथ यूएस एफडीए प्रोडक्ट की टीम के लोग रहते है। इनकी तकनीक उच्चस्तरीय है आैर यह लोग जिस अस्पताल या संस्थान में क्लीनिकल सपोर्ट करते है। वहां पर संक्रमण नियंत्रण के लिए मदद भी करते है। उन्होंने बताया कि इस टीम से केजीएमयू के लोग संक्रमण पर नियंत्रण करने के लिए प्रशिक्षण भी ले रहे है। ताकि खुद भी समय पर आपरेशन थियेटर व वेंटिलेटर यूनिट को विसंक्रमित किया जा सके।

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