लखनऊ। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) द्वारा किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय को नोडल सेंटर बनाने के बाद प्रदेश आैर पश्चिम बंगाल के लगभग पचास कालेजों को जोड़ा जा रहा है। केजीएमयू प्रदेश का पहला नोडल सेंटर है। केजीएमयू के डाक्टर इन कालेजों के डाक्टरों को एंडवास कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सोमवार को नोडल सेंटर में पहली आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन एनएमसी की मेडिकल एजुकेशन बोर्ड की चेयरपर्सन डा. अरुणा ने कि या। कार्यशाला केजीएमयू कुलपति प्रो. विपिन पुरी भी मौजूद थे।
डा. अरुणा ने कहा कि नोडल सेंटर में मेडिकल कालेजों को नयी तकनीक व एजुकेशन क्वालिटी आदि विषयों पर अपडेट किया जा सकेगा। यह प्रशिक्षण मेडिकल कालेजों की गुणवत्ता को आैर निखारेंगा। केजीएमयू में आयोजित पहली कार्यशाला में मेडिकल एजुकेशन विभाग की प्रमुख डा. शैली अवस्थी ने कहा कि एनएमसी केजीएमयू के कार्य का मूल्याकंन करने के बाद नोडल सेंटर घोषित कि या है। अब केजीएमयू रीजनल आैर नोडल सेंटर के कार्य करेंगा। केजीएमयू के मेडिकल एजुकेशन विभाग लगातार अपने डाक्टर व फैकल्टी के लिए एजुकेशन प्रोग्राम को संचालित करता आया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में केजीएमयू को एनएमसी का रीजनल सेंटर बनाया गया था। डा. अवस्थी ने बताया कि एनएमसी की ओर से सभी मेडिकल कालेजों की फैकल्टी के लिए बेसिक कोर्स अनिवार्य किया गया है। इसी तरह एडंवास कोर्स आधी फैकल्टी को करना है। नोडल सेंटर के रूप में केजीएमयू अब छह महीने का एडंवास कोर्स का भी आयोजन कि या जा रहा है। यह कोर्स पचास मेडिकल कालेजों की फै कल्टी करेगी। केजीएमयू प्रवक्ता डा. सुधीर ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यशाला 27 जुलाई तक चलेगी।