लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में तीस अप्रैल रात करीब दो बजे जमकर तोड़ फोड़ की गयी। आरोप है कि अंदर आने का विरोध करने पर गुस्साए तीमारदारों ने सुरक्षा गार्डों और कर्मचारियों को पीटते हुए तोड़फोड़ मचा दी। कर्मचारियों ने परिसर में मौजूद पुलिस को जानकारी दी, लेकिन तैनात पुलिस नहीं पहुंची। केजीएमयू के चीफ प्रॉक्टर की तहरीर पर चौक पुलिस ने मामला दर्ज करने के साथ ही पुलिस आयुक्त को भी घटना की जानकारी दी गयी है।
ट्रामा सेंटर में तीस अप्रैल की रात करीब दो बजे कुछ लोग मरीज लेकर आए। आरोप है कि दो बोलेरो और बाइक से आए यह लोग एक मरीज को लेकर भीड़ के साथ गेट के अंदर जाने लगे तो सुरक्षा गार्ड व कर्मचारियों ने रोक दिया। सभी सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए मरीज को अंदर ले जाने के लिए कहा।
आरोप है कि इससे आक्रोशित तीमारदारों ने गार्डों की पीट दिया। कर्मचारी बीच-बचाव करने आए तो उनको भी जम कर पीट दिया। इतने से भी उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ तो ट्रामा पर पथराव करने लगे। बाहर पड़ी ईट से पथराव होने से ट्रामा की खिड़कियों के शीशे टूट गए। इसके बाद वे मरीज लेकर चले गए। बवाल करने वालों के जाने के बाद ट्रामा सीएमएस डॉक्टर संतोष कुमार को जानकारी दी गई। सुबह उन्होंने कर्मचारियों के शिकायती पत्र वीडियो फुटेज और फोटोग्राफ से कुलसचिव और चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर आर ए एस कुशवाहा को अवगत कराया। चीफ प्रॉक्टर ने गाड़ी नंबर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करने के लिए चौक कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करा दी है। इस बात को गंभीरता से लिया गया है कि केजीएमय में ट्रामा सेंटर के गेट पर पुलिस चौकी बनी है। ट्रामा के कर्मचारियों का आरोप है कि मारपीट होते देख एक कर्मचारी चौकी में गया और सिपाहियों को मौके पर बुलाया। इसके बाद भी पुलिसकर्मी मौके पर नही पहुंचे। इस संबंध में कुलसचिव ने पुलिस आयुक्त को भी पत्र लिखा है।
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