ब्लड प्रेशर,शुगर सहित इस जांच को वर्ष में एक बार जरूरी

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लखनऊ। वर्ष में कम से कम एक बार ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्राल सहित अन्य दूसरी जांच अवश्य कराना चाहिए। लोगों में नियमित जांच कराने की आदत अभी शामिल नहीं हो रही है,जब कि अनियमित जीवनशैली लगातार बढ़ती जा रही है। यह बात लंदन से आए डॉ. सुधीर राठौर ने बृहस्पतिवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित भाटिया-मिश्रा मेमोरियल ओरेशन में कही।

 

 

 

यह ओरेशन केजीएमयू के कलाम सेंटर में आयोजित कि या गया। डॉ. सुधीर राठौर ने कहा कार्डियक डिजीज से बचना है, तो जीवनशैली सुधारनी होगी। खास ध्यान डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण रखना होगा। इस अवसर पर केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि केजीएमयू में कार्डियक मरीजों के लिए उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। जल्द ही लारी कॉर्डियोलॉजी का विस्तार कि या जाएगा। उन्होंने बताया कि डा. सुधीर ने केजीएमयू से एमबीबीएस और पीजी की डिग्री हासिल करने के बाद वर्तमान में लंदन में प्रैक्टिस कर रहे हैं।

 

 

 

ओरेशन में डा. सुधीर ने कहा कि फैमिली में किसी सदस्य को कार्डियक डिजीज के साथ हार्ट अटैक पड़ चुका है तो अन्य सदस्यों को अधिक सर्तक रहने की आवश्यकता है। 30 वर्ष की उम्र के बाद हरहालत में एक बार ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल के अलावा डाक्टर के परामर्श पर ब्लड टेस्ट जरूर कराना होगा। अगर कार्डियक समस्या महसूस हो रही है, तो डॉक्टर के परामर्श पर कार्डियक सीटी स्कैन कराने के अलावा कैल्शियम की जांच भी कराना चाहिए। उन्होंने बताया कि कई बार देखा गया है कि हार्ट को ब्लड सप्लाई करने वाली धमनियों में कैल्शियम जमा हो जाता है। इससे हार्ट को पर्याप्त ब्लड नहीं पहुंच पाता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञ डाक्टर धमनियों में कैल्शियम को लिथोट्रप्सी और रोटाब्लैटर की सहायता से तोड़कर हटा सकते हैं। विशेषज्ञ धमनियों में रूकावट लगने पर दूर होने पर स्टंट डाल देते हैं।

 

 

 

डॉ. सुधीर ने बताया कि दस से 20 प्रतिशत हार्ट अटैक के केस में धमनियों में कैल्शियम जमा पाया जाता है। उन्होंने बताया कि कम उम्र में हार्ट अटैक पड़ रहा है। इसकी बड़ा कारण धूम्रपान व गलत खानपान है।

 

 

 

 

 

 

केजीएमयू मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉ. कौसर उस्मान ने बताया कि कार्डियक बीमारियों से बचने के लिए प्रतिशत तीन से पांच किलोमीटर पैदल चलना चांिहए। इसके साथ ही तली-भुनी खाद्य पदार्थो का सेवन से बचना चाहिए। बढ़ती उम्र के साथ डायबिटीज और ब्लड प्रेशर निंयत्रंण में रखना चाहिए। डॉ. केके सावलानी ने बताया कि अगर देखा जाए तो फास्ट-फूड, कोल्डड्रिंक आदि का युवा वर्ग अत्याधिक सेवन कर रही है। इसके सेवन से बचना चाहिए। यदि यही स्थिति रही है तो डायबिटीज और दिल की बीमारियों में तेजी से वृद्धि होगी। ओरेशन में मेडिसिन विभाग सहित अन्य वरिष्ठ डाक्टर मौजूद थे।

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