इस स्कूल के बच्चों सहित 21कोरोना संक्रमित

0
473

लखनऊ। कोरोना संक्रमण राजधानी में तेजी से बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को एक स्कूल दो छात्रों सहित 21 लोग कोरोना संक्रमण मिला हैं। स्वास्थ्य विभाग ने दोनों छात्रों के संपर्क में आने वाले लगभग 100 छात्र-छात्राओं, शिक्षक व कर्मचारियों के नमूने लिए गए हैं। लगातार स्कूल कालेजों में मिल रहे कोरोना संक्रमण के कारण स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों के होश उड़ गये है। वही राजधानी में 13 कोरोना संक्रमित ठीक होकर डिस्चार्ज हो गये है। राजधानी में अब कोरोना के 90 सक्रिय मरीज हो गये है।

Advertisement

राजधानी के स्कूल कालेजों में लगातार छात्र-छात्राएं लगातार कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। लामार्ट गल्र्स कालेज में दो छात्राएं, कैथेड्रल और डीपीएस के बच्चे संक्रमित हो चुके है। अभिभावक भी डरे सहमे हुए है। शुक्रवार को आशियाना स्थित मिलेनियम पब्लिक स्कूल के दो बच्चे संक्रमित मिले है। दोनों बच्चे सगे भाई हैं आैर पीजीआई परिसर में रहते हैं।

इन दोनों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद डिप्टी सीएमओ डॉ. मिलिंद वर्धन व स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी योगेश रघुवंशी के नेतृत्व में स्वास्थ्य कर्मियों की टीम स्कूल पहुंची। यहां पर संक्रमित दोनों भाइयो के सम्पर्क में आने वालों की जांच करायी गयी। इस जांच में बच्चों के साथ ही शिक्षक व कर्मचारी की जांच की गयी हैं। वही शुक्रवार को राजधानी में लगातार कोरोना संक्रमण मिल रहा है। संक्रमण के लिहाज से शुक्रवार को फिर अलीगंज क्षेत्र में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिले है। अन्य क्षेत्रों में भी लगातार कोरोना संक्रमण मिल रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि स्कूल कालेजों में मिल रहे मरीजों को देखते हुए बच्चे डेंजर जोन में आ सकते है। ऐसे में स्कूल कालेजों को कोरोना गाइड लाइन का पालन सख्ती से करना होगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि स्कूल- कालेज में लगातार बच्चों में संक्रमण मिलने के कारण सावधानी बरतनी की आवश्यकता है। मास्क व हाथ सेेनिटाइज करने करना चाहिए। फि लहाल किसी भी मरीज के संक्रमण मिलने कोरोना मरीज के संपर्कमें आने वाले ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच कराई जा रही है। संक्रमण से बचाव के बारी आने पर बच्चों को वैक्सीन जरूर लगवाएं। स्कूलों में लगातार वैक्सीन शिविर लगाए जा रहे हैं। वैक्सीन का सेहत पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है।

Previous articleइस विदेशी क्लीनिकल पाठ्यक्रम के सलाहकार बोर्ड मेंबर बने डा सूर्यकांत
Next articleमोबाइल देखते हैं ज्यादा, कहीं यह बीमारी तो नहीं

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here