ठीक हो सकता है सरवाइकल कैंसर

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लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में आब्स एण्ड गाइनकोलाजी एवं पैथोलाजी विभाग के संयुक्त प्रयास से वूमन्स एचपीवी स्क्रीनिंग फ ॉर सरवाइकल कैंसर अवेयरनेस शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर संस्थान के शहीद पद स्थित श्री राम प्रकाश गुप्ता स्मारक मातृ एवं शिशु रेफरल चिकित्सालय में किया गया। यहां सरवाइकल कैंसर की जागरूकता व बचाव पर विशेषज्ञों ने चर्चा की।

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कार्यक्रम का उद्घाटन परिवार कल्याण महानिदेशक डा.बद्री विशाल , स्वास्थ्य महानिदेशक डा. ज्ञान प्रकाश डा. अमरेश बहादुर सिंह, डीजीएमसी (एनसीडीएण्ड आरटी आई) ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया गया। उन्होंने बताया कि सरवाईकल कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसर में दूसरा कैंसर है। यह आम जन मानस में होने वाली बीमारियों यह भी एक मुख्य बीमारी है। जागरुकता और स्क्रिनिंग इसका प्रमुख इलाज है। स्वास्थ महानिदेशक डा. ज्ञान प्रकाश ने बताया गया कि भारत की आधी आबादी महिला है, जिसमें स्वंय के स्वास्थ के प्रति जागरुकता की कमी के कारण इस प्रकार की बीमारी को पनपने का अवसर प्राप्त हो रहा है। अतः सर्वप्रथम स्वंय के स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता होना अति आवश्यक है।

परिवार कल्याण महानिदेशक डॉ. बद्री विशाल ने संस्थान को आश्वासन दिया गया कि वह आब्स एण्ड गाइनोकलॉजी एवं पैथोलॉजी विभाग द्वारा इस सराहनीय शुरूआत में प्रत्येक रूप से उनका साथ देंगे। एवं परिवार कल्याण की महिलाओं के लिए जारी योजनाओं की शुरूआत इस अस्पताल में आरम्भ होंगे, जिससे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को उनका लाभ मिल सके।

प्रो. नुजहत हुसैन ने अपने उद्बोधन में विषय की गम्भीरता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सरवाइकल कैंसर प्रत्येक वर्ष भारत में 96000 महिलाओं को होता है। जब कि 68000 महिलाओं कि मृत्यु होती है। यदि शुरुआती दौर में वैक्सीनेशन से रोका जा सकता है। शुरूआती दौर में पता चलने पर इसका इलाज किया जाना सम्भव है। उन्होंने बताया कि हाई रिस्क एचपीवी.16 – 18 का पता चल जाता है। महिलाओं मे इस बीमारी के प्रति जागरुकता एवं समय-समय पर स्क्रीनिंग इसका सही विकल्प है।

कार्यक्रम का संचालन गाइनकोलाजी विभाग सह आचार्य डा. नीतू सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर संस्थान की डीन एवं विभागाध्यक्ष प्रो. नुज़हत हुसैन, रजिस्ट्रार प्रो. राजन भटनागर,,संकाय सदस्य, छात्र, उपचारिका एवं अन्य अतिथि उपस्थित रहें। डा .अमरेश बहादुर सिंह, डी.जीएमसी (एनसीडीएण्ड आरटीआई) ने संस्थान के इस जागरुकता एवं स्क्रिनिंग कैम्प के लिये बधाई दी।

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