लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की लॉरी कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती मरीज की हालत ठीक बताकर भर्ती नही आैर जांच कराने भेज दिया। तीमारदार सैंपल जमा करने ट्रॉमा सेंटर गया था। वापस लौटा तो देखा मरीज की स्ट्रेचर पर मौत हो चुकी थी। तीमारदार आक्रोशित हो गये। उनका आरोप था जब मरीज ठीक था तो बाहर करने के बाद स्ट्रेचर पर मौत कैसे हो गयी। सभी ने जमकर हंगामा मचाया तो ट्रामा सेंटर पुलिस चौकी से पुलिस ने पहुंच का कार्रवाई का आश्वासन देकर शंात कराया। तीमारदारों का आरोप है कि अगर ने डॉक्टरों भर्ती कर लिया होता तो मौत न होती।
लाजपतनगर निवास राजेंद्र सिंह (85) को बुधवार सुबह सीने में दर्द उठने पर बेटे रंजीत ने लॉरी कार्डियोलॉजी की इमरजेंसी में लाया था। तीमारदारों का कहना है कि यहां ईसीजी समेत अन्य जांच की आैर कुछ दवाएं देकर भर्ती कर लिया। रात करीब 9 बजे डॉक्टरों ने मरीज का ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए ट्रॉमा भेजा था। इसके साथ ही मरीज को ठीक बताकर जबरन डिस्चार्ज कर दिया। उधर बेटा रंजीत सैंपल जमा करने ट्रॉमा गया। वह वापस लौटा तो मरीज स्ट्रेचर पर बाहर मृत अवस्था में पड़ा था। बेटा आनन- फानन में दोबारा पिता को अंदर ले गया।
डॉक्टरों ने जांच पड़ताल करके मृत घोषित कर दिया। बेटे ने डॉक्टरों पर जबरन डिस्चार्ज करने का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने तीमारदारों को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया। इलाज के अभाव हार्ट अटैक पड़ने से मरीज की मौत हो गई। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि अगर तीमारदार शिकायत करेंगे तो मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
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