व्यवस्था स्थाई होना चाहिए : सिद्धार्थ नाथ

0
687

लखनऊ। चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि हम अभी भी 40-50 वर्ष पुरानी व्यवस्था पर काम कर रहे हैं। हमारे पास योग्य डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों की बड़ी संख्या है, लेकिन उनमें से कई लोगों से प्रशासनिक आदि कार्य कराया जा रहा है। हमें अस्थाई नहीं बल्कि स्थायी व्यवस्था बनानी है। चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री शुक्रवार को जॉन हापकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और द बिल गेट्स एंड मिलिंडा फ़ाउंडेशन के सहयोग से गोमती नगर स्थित एक होटल में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

Advertisement

चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को जॉन हापकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ सहयोग दे रहा है। इसके सहयोग से यूपी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान स्वास्थ्यकर्मियों को जन स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए सक्षम बना सकेगा। उन्होंने कहा कि कोर कांपेटेंसीज फॉर पब्लिक हेल्थ प्रोफेसनल्स इन उत्तर प्रदेश विषय पर देश की पहली कार्यशाला करवाने के लिए द बिल गेट्स एंड मिलिंडा फ़ाउंडेशन (बीएमजीएफ) को धन्यवाद दिया।

मंत्री ने कहा कि प्रदेश में घर-घर स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने में कई चुनौतियां आ रही हैं। वहीं कुछ जिलों में शुरू हो चुकी टेलीमेडिसिन, टेलीरेडियोलॉजी जैसे सेवा से मरीजों को काफी राहत मिल रही है। जॉन हापकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोजेक्ट प्रिन्सिपल इंवेस्टिगेटर डॉ. डेविड पीटर्स ने कार्यशाला का उद्ेश्य बताते हुए कहा कि किसी भी प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में यदि समय के साथ परिवर्तन नहीं किया गया तो अच्छी से भी अच्छी योजना दम तोड़ देती है।
कार्यशाला के दौरान जॉन हापकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफसर डॉ. सारा, डॉ. साइरस इंजीनियर और डॉ. ब्राइन व्हल ने पब्लिक हेल्थ की हकीकत और भविष्य की आवश्यकताओं पर प्रस्तुतीकरण किया। स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फेमिली वेलफेयर (एसआईएचएफडब्ल्यू) की निदेशक डा. पूजा पांडे ने प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की संक्षित जानकारी देते हुये कार्यशाला की शुरुआत की।

इस मौके पर मिशन निदेशक पंकज कुमार, सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वी हेकालीझिमोमी, निदेशक (प्रशासन), राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अपर मिशन निदेशक श्रुति के साथ यूपीटीएसयू और जॉन हापकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अधिकारीगण उपस्थित थे।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleडाक्टरों की सुरक्षा के लिये दायर याचिका खारिज
Next articleडेंटल यूनिट पेपर प्रकरण: कौन किसकी करेगा जांच

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here