नवाबों के शहर में मरीज भी आराम तलबी है गये ?

0
770

द एम्पल न्यूज / निशा तिवारी – नवाबों के शहर में सब आराम तलबी है। वजीरेआला का हुक्म हुआ कि बुखार से जनता परेशान है। अवकाश के दिन भी अस्पताल खोले जाए। हुक्म की तामील हुई दशहरा, मोहर्रम व इतवार को भी सभी अस्पताल खुले रहे। डाक्टर पैरामेडिकल स्टाफ  मुस्तैद रहा। पर मरीज अन्य दिनो की अपेक्षा इतने कम आये कि डाक्टरों हैरान परेशान हो गये। त्योहारों को छोड अगर आज के इतिवार को देखा जाए मरीज संडे मना रहे थे या कहिये अखबारों से लेकर प्रचार प्रसार के बाद भी मरीज काफी संख्या में आये। केजीएमयू में दशहरा व मोहर्रम को खोले गयी ओपीडी में काफी कम संख्या में आये। डाक्टरों का मानना था रास्तो का डायर्वजन था इस लिए मरीज नही निकले।

Advertisement

पर ओपीडी में सन्नाटा था डाक्टर मरीजों की राह तकते रहे – 

खैर इस इतवार शहर के अन्य सभी बडे अस्पताल व बाल महिला अस्पताल खुले थे।बुखार से लेकर अन्य बीमारियों के डाक्टर भी बुला लिये गये थे। पर ओपीडी में सन्नाटा था डाक्टर मरीजों की राह तकते रहे और मरीज घरों से निकले ही नही। झल्लाये एक डाक्टर ने कह दिया जब प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मरीजों को इतनी विशेष सुविधा दे रहे है तब भी वह इसका लाभ नही उठा रहे है। पूरा अस्पताल खुला है। जांच से लेकर सभी सुविधा आम दिनों की तरह मौजूद है। फिर न आये तो बेकार है। उनका कहना था कल सोमवार को देखियेगा एक किलोमीटर लम्बी लाइन बन जाएगी। आज आराम से आयेगे।

बाल महिला अस्पतालों का हाल तो बेहाल था –

अगर आकडों को देखा जाए तो बलरामपुर के निदेशक के अनुसार 155 मरीज बुखार के आये और कुछ अन्य भी बीमारियों के थे। सिविल अस्पताल में कुल 377 से नये मरीज व पुराने 700 से ज्यादा मरीज आये। इसके अलावा गोमती नगर के लोहिया अस्पताल में लगभग 300 केआसपास मरीज आऐपीडी में आये। बाल महिला अस्पतालों का हाल तो बेहाल था कि कही सौ का आकंडा पार करना मुश्किल हो गया। डाक्टर पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मियों का कहना अवकाश के बदले अवकाश कैसे मिलेगा अभी यह कुछ पता नही है बस आज्ञा का पालन हो रहा है।

 

Previous articleवजन कम करने के आसान तरीके
Next articleडा0 आर0के0 ठुकराल को मिला अन्तर्राष्ट्रीय हेल्थकेयर अवार्ड

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here