श्वसन प्रक्रिया जुड़ी रहे, तकनीक सीखी डाक्टरों ने

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लखनऊ। कई बार एक्सीडेंट होने पर या कुछ बीमारियों के कारण सांस लेने का रास्ता अवरुद्ध हो जाता है और समय पर सही इलाज न मिलने के कारण सांस उखड़ जाती है। ऑक्सीजन आपूर्ति में अचानक आये अवरोध को दूर करने के लिए सिर्फ कुछ तकनीक की जानने की आवश्यकता है, इन तकनीक की जानकारी देने के लिए डाक्टरों को जानकारी दी गयी। इस कार्यशाला का आयोजन किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कलाम सेंटर में आयोजन किया। कार्यशाला में लगभग 150 डाक्टर एकत्र हुए।

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आयोजन समिति के सचिव डॉ तन्मय तिवारी ने बताया कि सड़क हादसों में घायल व्यक्ति, मुख कैन्सर से ग्रसित, मोटापा के कारण सांस लेने में तकलीफ़ और बड़े और छोटे बच्चों के सिर में चोट और झटकों के दौरान ऑक्सीजन की कमी से होने वाले नुक़सान को कम करने की तकनीक को बताया गया। उन्होंने बताया कि मान लीजिये हेल्थ सेंटर, पीएचसी जैसे स्थान पर चिकित्सक के पास कोई भी सुविधा नहीं है तो सिर्फ एक तार को गरदन से छेद कर उसके साथ ट्यूब डालकर नाक के रास्ते तक ले जाने से भी ऑक्सीजन मिलने का रास्ता मिल जायेगा।

देश-विदेश में हो रही रिसर्च और नयी तकनीक जैसे दूरबीन विधि नली द्वारा तकनीक के बारे में जानकारी दी गयी। इस कार्यशाला के माध्यम से गांव-देहात में दुर्गम परिस्थितियों में भी मरीजों में ऑक्सीजन की कमी ना हो, ऐसी तकनीक की भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अवसर पर कार्यशाला का उद्घाटन डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ एके त्रिपाठी ने करते हएु कहा कि दुर्घटना होने पर, मिर्गी के दौरे आने पर या सिर में चोट लगने पर मरीज को सांस लेने में अक्सर तकलीफ होती है, ऐसे समय पर एक चिकित्सक को यह जानकारी होना जरूरी है कि इस विषम परिस्थिति से कैसे निपटा जाए इसलिए इस प्रकार की कार्यशाला बेहद जरूरी है।

इस कार्यशाला में प्रो. अनिता मालिक ने कहा कि सबसे ज्यादा इस्तेमाल एनेस्थीसिया के चिकित्सक ही करते हैं, लेकिन हर जगह यह उपलब्ध नहीं हो सकते। इसलिए इसकी जानकारी सभी चिकित्सकों को होनी चाहिए।

इस अवसर पर मुख्य रूप से सीएमएस प्रो. एसएन संखवार, प्रो. जीपी सिहं, स्टूडेंट वेलफेयर डीन, एम्स दिल्ली के डॉ राकेश गर्ग, एएमयू के डा मुंईद अहमद, ट्रामा मेडिसन डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डा. हैदर अब्बास तथा निश्चेतना विभाग के डा. ज्योत्सना अग्रवाल, डा. रजनी कपूर, डा. मोनिका कोहली, डा. दिनेश कौशल, डा. मो. परवेज़ खान, डा. दिनेश सिंह, डा. रजनी गुप्ता, डा. बीबी कुशवाहा, डा. ज़िया अरशद,डा. ए के सिद्दकी, डा. आर एस गंगवार, डा. हेमलता, डा. सतीश वर्मा, डा. शिफाली गौतम, डा. विपिन कुमार, डा. राजेश रमन, डा. अर्पणा शुक्ला, डा. तन्मय तिवारी, डा. प्रेम राज सिंह, डा. मनीष सिंह, डा. मनोज चैरसिया तथा डा0 विनोद श्रीवास्तव उपस्थिति रहे।

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