लखनऊ। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर बुधवार को कई जगह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये, इनमें तम्बाकू के दुष्प्रभाव आैर कोटपा नियम को प्रभावी तरीके से लागू करने पर जोर दिया गया। इस बार लोगों ने तम्बाकू के उत्पादों का सेवन नहीं करने की शपथ ली है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय व आरोग्य भारती अवध प्रांत के संयुक्त तत्वाधान में केजीएमयू के ब्रााउन हॉल में आयोजित संगोष्ठी में अधिष्ठाता पैरामेडिकल संकाय प्रो0 विनोद जैन ने कहा कि विश्व में लगभग 70 लाख लोग तम्बाकू सेवन के कारण काल के गाल में जा रहे है। इसके बाद सभी को तम्बाकू का उपयोग न करने एवं करने वालों को तम्बाकू छोड़ने की शपथ दिलाई।
केजीएमयू कुलपति प्रो. मदनलाल ब्राह्म भट्ट ने कहा की तम्बाकू में लगभग 7000 रसायनिक तत्व होते है जिनमें से 500 से अधिक रसायनिक तत्व कैंसर कारक होते है। तम्बाकू समाज के लिए सबसे बड़ा खतरा है। तम्बाकू द्वारा विश्व में 370 अरब डालर की आय होती है लेकिन इसका चार गुना धनराशि तम्बाकू जनित रोगों के इलाज में खर्च होती है। इसका प्रयोग आर्थिक रूप से भी विश्व को खोखला कर रहे हैं। एक शोध का हवाला देते हुए कहा कि तम्बाकू सेवन से एक व्यक्ति की आयु लगभग 10 वर्ष कम हो जाती है। उन्होंने तम्बाकू छोड़ने के लिए मूल मंत्र बताया की सकारात्मक विचार एवं दृढ़ इच्छा शक्ति से यह सम्भव है। इसके लिए अधिक पानी पीयें, स्वशन क्रियायें, नियमित व्यायाम करें और कुसंगति से बचंे। मुख्य वक्ता प्रो. रमा कांत ने तम्बाकू को छोड़ने की अपील करते हुए यह बताया कि इसका विकल्प ई सिगरेट, इलेक्ट्रानिक सिगरेट या निकोटीन च्वींगम नहीं है बल्कि इसका निषेध ही उपाय है।
- आरोग्य भारती, अवध प्रांत के सचिव डॉ. अवधेष नारायण तिवारी ने एक मिनट के प्राणायाम का प्रयोग करके तनाव से मुक्ति पाने का उपाय बताया।
- केजीएमयू के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक अविनाश त्रिवेदी व चिकित्सा विश्वविद्यालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एसएन शंखवार उपस्थित थे।
- विभागाध्यक्ष एवं इण्डियन चेस्ट सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सूर्यकान्त ने उपस्थित रोगी, परिजनों को सम्बोधित करते हुए बताया कि भारत में 10 लाख मौतें प्रतिवर्ष तम्बाकू की वजह से होती है तथा 18 करोड़ लोग तम्बाकू का सेवन करते है।
- तम्बाकू की वजह से 40 तरह के कैंसर व 25 तरह की अन्य बीमारियंा होती है। जैसे की क्रोनिक बौन्काइटिस, सांस की बीमारियां, ह्मदय रोग, मानसिक रोग, नपुंसकता, स्ट्रोक जैसी अन्य गंभीर बीमारियां भी होती है।
- परोक्ष धूम्रपान या पैसिव स्मोकिंग भी उतनी ही नुकसानदेह है जितना की प्रत्यक्ष धूम्रपान।
कैंसर संस्थान: सीजी सिटी स्थित अति विशिष्ट कैंसर संस्थान एवं अस्पातल में आयोजित गोष्ठी में केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने तम्बाकू जनित बीमारियों के बारे में अवगत कराया। तम्बाकू निषेध के लिए शपथ दिलायी। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. देशपाल, चिकित्सा अधीक्षक डा. एचएस पाहवा, डा. पारुल जैन, डा. शरद सिंह, डा. सबुही कुरैशी आैर डा. प्रमोद कुमार गुप्ता ने चिकित्सा परीक्षण शिविर में लोगों का नि:शुल्क परीक्षण कर परामर्श दिया।