सर्जरी में किडनी नही निकली, दोनों डाक्टर बरी !

0
1154

लखनऊ। अगर सूत्रों पर यकीन करे तो किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में दो वर्ष पहले ट्रामा सेंटर में एक्सीडेंटल मरीज की सर्जरी के दौरान किडनी निकालने के आरोप वरिष्ठ सर्जन डा. संदीप तिवारी व डा. आनंद मिश्र पर गलत है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार शासन को भेजी गयी रिपोर्ट में कमेटी ने पूरे मामले की गहन पड़ताल व आरोप लगाने वाले मरीज का क्यूक्लियर स्कैन व एक अन्य जांच के बाद पुष्टि हुई है कि सर्जरी के दौरान किडनी नही निकाली गयी। हालांकि शासन ने अभी इस रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया है।

Advertisement

तत्काल आपरेशन करके दो चरणों में आंतों को जोड़ा गया –

वर्ष 19 फरवरी 2015 को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में बाराबंकी निवासी पृथ्वीराज को एक्सीडेंट होने के कारण गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। ड¬ूटी में तैनात डाक्टरों ने मरीज की हालत गंभीर देखते हुए तत्काल आपरेशन करने का निर्णय लिया था। आपरेशन से पहले जांच में देखा गया था कि पेट में आंत फटने के कारण गंदा पानी व ब्लड एकत्र होने लगा था। तत्काल आपरेशन करके दो चरणों में आंतों को जोड़ा गया। बताया जाता है कि हालत गंभीर होने के कारण तत्काल जूनियर डाक्टरों ने दो यूनिट ब्लड भी दिया था। डाक्टरों का कहना था कि अगर तत्काल आपरेशन का निर्णय नही लिया जाता तो बचाना मुश्किल था।

लगभग 27 दिन तक भर्ती रहने के बाद पृथ्वीराज वापस चला गया था आैर कुछ अर्सा पहले अल्ट्रा साउंड रिपोर्ट के अनुसार किडनी गायब होने व सर्जरी के दौरान किडनी गायब होने का आरोप लगाया था। यह आरोप ट्रामा सेंटर में उस दिन ड्यूटी के अनुसार डा. संदीप व डा. आनंद मिश्र लग गया। इस आरोप के बाद शासन स्तर जांच कमेटी बना दी गयी थी। पीजीआई के वरिष्ठ किडनी सर्जन विशेषज्ञ डा. आर के शर्मा के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी बना दी गयी थी। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कमेटी ने गहन छानबीन करने के बाद पाया कि सर्जरी में किडनी नहीं निकाली गयी है। बताया जाता है कि किडनी सर्जरी के दौरान निकाली गयी है या नही।

इसके लिए क्यूक्लियर स्कैन कराया गया आैर अन्य पहलुओं की पड़ताल की गयी। हालांकि विशेषज्ञों ने पहले ही कह दिया था जिन परिस्थितियों में सर्जरी की गयी। उन हालत में किडनी निकाली नहीं जा सकती है आैर किडनी निकालने के लिए विशेष टीम व तैयारी करनी पड़ती है। हालांकि जांच कमेटी ने सोमवार को जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है आैर शासन ने अभी जांच रिपोर्ट का खुलासा नही किया गया है।

Previous articleतीसरी बार पीएमएस के अध्यक्ष बने डा. अशोक यादव
Next articleखून के बदले लिए चार हजार, नौकरी से हटाए गए

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here