लखनऊ। एक तरफ उसका सुहाग था तो दूसरी तरफ उसके बेटे की जिंदगी दांव पर लगी हुई थी। मां व पत्नी रेखा आपरेशन थियेटर के बाहर बैठी लगातार बस भगवना से दुआ कर रही थी दोनों को कुशल पूर्व रहे आैर आपरेशन सफल हो जाए। वही बहन सुहानी अपने भाई आैर पिता की जिंदगी की दुआ मंा के साथ ही कर बैठी कर रही थी। वह लगातार कुछ बुदबुदा रही थी।
लगातार बेटे की बिगड़ती हालत को देखते हुए घर के मुखिया संतोष ने बेटे राहुल को किडनी देने का निर्णय लिया। मां रेखा के लिए एक तरफ सुहाग था तो दूसरी तरफ बेटा आपरेशन थियेटर के अंदर थे। बहन सुहानी का कहना था कि पिता आैर भाई दोनों को ही सही सलामत देखना चाहती है। वह बताती है कि किडनी प्रत्यारोपण की जानकारी सुनकर ही परिवार बेहाल हो गया था, उन्होंने बताया कि बड़ा भाई ही पिता के बीमार होने के बाद परिवार का पालन पोषण कर रहा है। डाक्टरों ने भी किडनी प्रत्यारोपण के खर्च में मदद की है।