लखनऊ। स्तन में होने वाली लगभग 90 प्रतिशत गांठ कैंसर नहीं होती है, लेकिन इसकी जांच करा लेनी चाहिए। इसके अलावा स्तन के निप्पल के आकर या स्किन में बदलाव आए अथवा निप्पल से लाल रंग का पदार्थ निकले, स्तन में दर्द उठे, बाहों के नीचे गांठ हो तो सावधान हो जाना चाएि यह स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आनंद मिश्रा ने दी। वह शनिवार को विभाग में आयोजित ब्रोस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रूप की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर होने के कारणों का अभी स्पष्ट पता नहीं चल पाया है, इसलिए इसकी कुछ चुनिंदा ही दवाएं है। केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने कहा कि प्रतिवर्ष करीब डेढ़ लाख महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आती हैं। माताओं को कम से कम छह माह तक अपने बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए, नियमित व्यायाम, वसायुक्त भोजन न करना तथा 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की जांच अवश्य करानी चाहिए। उन्होंने बताया कि स्तन में होने वाली लगभग 90 प्रतिशत गांठ कैंसर नहीं होती है लेकिन इसकी जांच करा लेनी चाहिए। इस दौरान डॉ रमाकांत, डा. संदीप तिवारी, डा. कुलरंजन, डा. कीर्ति श्रीवास्तव, डा. पूजा रमाकांत आदि मौजूद रहे। इस दौरान स्तन कैंसर से जंग जीतने वाली महिलाएं भी मौजूद थी।
जिन्होंने अपने विचार बताये लखनऊ की मधुर मेहरोत्रा ने बताया कि मुझे शुरुआती दौर हल्की गांठ थी। ध्यान नहीं दिया। धीरे-धीरे वह बढ़ती गई। जांच कराई तो पता चला कि कैंसर हो चुका है। करीब ग्यारह सर्जरी पहले करायी था। अब पूरी तरह से ठीक हूं। किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। इसी प्रकार अन्य महिलाओं ने भी ठीक होने की जानकारी विस्तार पूर्वक दी।
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