हेपेटाइटिस डे 2019 : प्रत्येक छह अरब डॉलर खर्च करे, बचेगी करोड़ों जानें

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न्यूज। शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग लीवर को बेकार कर देने वाले हेपेटाइटिस संक्रमण ने धीरे धीरे पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है आैर आज यह क्षयरोग के बाद सबसे ज्यादा जान लेने वाला संक्रामक रोग है। दुखद आश्चर्य जनक तथ्य यह है कि भारत सहित कुल 11 देश दुनिया के कुल हेपेटाइटिक मरीजों में से 50 प्रतिशत का बोझ उठा रहे हैं आैर इसके शिकार 80 प्रतिशत लोगों को इसके निदान, परीक्षण आैर इलाज के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
मुख्यत: बैक्टीरिया के संक्रमण, अल्कोहल, दवाइयों के साइड इफेक्ट आैर ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण होने वाला हेपेटाइटिस कुछ मामलों में बेहद गंभीर होता है आैर लिवर कैंसर के साथ मौत का कारण बन सकता है।

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इस बीमारी की व्यापकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एचआईवी को एक समय दुनिया का सबसे घातक संक्रमण माना जाता था, लेकिन अब हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या एचआईवी से संक्रमित लोगों की संख्या से सात गुना ज्यादा है।

आंकड़ों की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया में लगभग 32.5 करोड़ लोग हेपेटाइटिस से प्रभावित है, जिनमें से हर साल लगभग 13.4 लाख लोगों की मौत हो जाती है। भारत में इसके पीड़ितो कीं संख्या लगातार बढती जा रही है, भारत में चार प्रतिशत लोग हेपेटाइटिस वारयल से प्रभावित है। अकेले हेपेटाइटिस बी आैर सी वायरस से लगभग 60 लाख से 1.2 करोड़ लोग प्रभावित है।

लांसेंट ग्लोबल हैल्थ में प्रकाशित विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित 67 देशों में इलाज, जांच, एहतियात आैर जागरूकता जैसे उपायों पर हर बरस छह अरब डॉलर की रकम खर्च करके अगले 11 वर्ष में 45 लाख लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। इन उपायों के जारी रहने पर उससे बाद के वर्षों में ढाई करोड़ से ज्यादा जिंदगियों को बचाया जा सकेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि हेपटाइटिस बी लिवर का एक ऐसा ‘शांत संक्रमण” है, जो बिना किसी आहट के लिवर फेलियर, कैसर आैर इलाज न होने पर मौत का कारण बन सकता है। इसका प्रसार हेपेटाइटिस बी से संक्रमित व्यक्ति के रक्त, खुले हुए घाव, शरीर से निकलने वाले तरल के साथ-साथ नीडल्स्टिक इंजरी, टैटू अथवा पियर्सिंग कराने के दौरान हो सकता है।

लोगों को हेपेटाइटिस वारयस के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 28 जुलाई को ”वल्र्ड हेपटाइटिस डे”” मनाया जाता है। डब्ल्यूएचओ ने विश्व हेपेटाइटिस डे 2019 के अपने अभियान में सभी देशों से वर्ष 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने के लिए निवेश करने का आह्वान किया है।

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