लखनऊ। पिछले पांच दिनों से बलरामपुर अस्पताल में भर्ती उपचार के दौरान मरीज की मौत के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही को लेकर हंगामा किया लेकिन इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू नहीं की। प्रशासन का कहना है कि जब परिजन शिकायत करेंगे जो जांच कमेटी गठित की जा सकती है। अस्पताल के निदेशक डा. ईयू सिद्दीकी का कहना है कि संबंधित डाक्टर से पूछा गया तो पता चला कि मरीज की एकाएक तबीयत बिगड़ी जिससे उनकी मौत हो गयी।
बलरामपुर अस्पताल में मरीज की मौत का मामला
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को गोमतीनगर के जुग्गौर निवासी शिव कुमार (35) होर्डिंग लगाने का काम करता था। परिजनों के अनुसार 13 मार्च होली के दिन वह आशियाना किसी काम से जा रहा था कि रास्ते में मोटरसाइकिल फिसलने के कारण उसके सिर में चोट आयी। किसी तरह घायल को बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया, जहां हालत में सुधार होने पर न्यू बिल्डिंग में सोलह नम्बर वार्ड भर्ती कराया गया। डा. एसके पाण्डेय की देखरेख में मरीज का उपचार चल रहा था।
मरीज को खाने-पीने में काफी तकलीफ थी। मरीज के भाई मनोज कुमार ने बताया कि आज सुबह जब डाक्टर राउंड पर आए तो उनसे पूरी समस्या बतायी गयी लेकिन सब कुछ सुनने के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया। मरीज के सिर में चोट लगी थी, इसलिए सीटी स्कैन जांच तक नहीं करायी गयी। डाक्टर के जाने के कुछ देर बाद ही मरीज की हालत बिगड़ने लगी, नर्स से कहने पर डाक्टर को आनकाल खबर भेजने की बात कहती रहीं आैर आखिरकार मरीज ने दम तोड़ दिया।