लखनऊ। हेपेटाइटिस बी व सी साइलेंट किलर की तरह बीमारी है, जब अस्सी प्रतिशत लिवर खराब हो जाता है, तब लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर भी हो सकती है। बीमारी का पता चलता है। इससे देश में 14 लाख मौते प्रतिवर्ष हो रही है, परन्तु अब इस हेपेटाइटिस बी व सी का निशुल्क स्क्रीनिंग के साथ ही निशुल्क दवाएं भी दी जाएगी। नेशनल हेल्थ मिशन योजना के तहत अभी हेपटाइटिस सी का इलाज निशुल्क किया जाएगा। इसके बाद हेपेटाइटिस बी का इलाज भी शुरू किया जाएगा। हेपेटाइटिस बी व सी के इलाज के लिए किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग का नोडल सेंटर बनाया गया है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डा. सुमित रूगंटा ने दी।
डा. रूगंटा ने बताया कि ब्लड बैंक के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में हेपेटाइटिस सी के लगभग 11 लाख मरीज है आैर हेपेटाइटिस बी के पचास लाख से ज्यादा मरीज है। यह वह मरीज है जो कि ब्लड बैंक की जांच में मिले है, जबकि लगातार स्क्रींिनंग करायी जाए तो यह आंकड़ा दोगुना हो सकता है। उन्होंने बताया कि नेशनल हेल्थ मिशन योजना के तहत प्रदेश के 14 जनपदों में हेपेटाइटिस के इलाज के लिए प्रोग्राम शुरू किया गया है। इसके तहत जिला अस्पताल के 14 डाक्टरों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा 22 लैब टेक्नीशियनों को भी जांच के लिए प्रशिक्षित किया गया है। यह लोग अपने जनपदों में मरीजों की एलाइजा किट से जांच करने के बाद पाजिटिव आने पर केजीएमयू रेफर कर देंगे।
यहां पर माइक्रोबायोलॉजी विभाग में मॉलीक्यूलर जांच करायी जाएगी। इसके बाद इलाज शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जांच में पाजिटिव आने पर निशुल्क इलाज शुरू होगा। वर्तमान में सिर्फ हेपेटाइटिस सी का इलाज किया जाएगा। क्योंकि हेपेटाइटिस सी का इलाज सम्भव है। हेपेटाइटिस बी का इलाज नहीं सम्भव है। माइक्रोबायालॉजी विभाग की प्रमुख डा. अमिता जैन ने बताया कि अभी हाईरिस्क के लोगों की ही स्क्रीनिंग की जा रही है। जिसमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल है। उन्होंने बताया कि अभी मालीक्यूलर जांच पीजीआई व केजीएमयू की लैब में हो सकती है। डा. विमला वेंकेटेश ने बताया कि एसजीओटी, एसजीपीटी अगर बढ़ा हुआ आता है, तो हेपेटाइटिस भी जांच करायी जाती है।
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