स्क्रब टाइफस बुखार से कैसे करें बचाव और लक्षण

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लखनऊ। राजधानी में स्क्रब टाइफस के कुछ मामलों का पता लगने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ रही है। डाक्टरों के अनुसार स्क्रब टाइफस के अधिकांश मामलों में अभी वयस्क लोग ही हैं।

 

 

 

 

 

विशेषज्ञों के अनुसार, बरसात के मौसम में स्क्रब टाइफस की बीमारी फैलने की ज्यादा संभावना रहती हैं। उन्होंने बताया कि स्क्रब टाइफस की बीमारी एक विशेष कीड़े के डंक से होती है। थरोम्बोसाइटोपेनिक माइट्स नामक यह कीड़ा काटने के बाद जब शरीर में प्रवेश करता है, तो उससे शरीर में स्क्रब टाइफस के बैक्टीरिया बनने लगते हैं।

 

 

 

 

 

डाक्टरों ने यह सलाह दी है कि जब स्क्रब टाइफस की बीमारी के लक्षण दिखायी दें, तो साधारण पेनकिलर या पैरासिटामोल जैसी दवाइयां लेने की बजाय तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें। उनका मानना है कि स्क्रब टाइफस के लक्षणों की समय पर पहचान करके समय पर इलाज करने से इस बीमारी को गम्भीर होने से बचाया जा सकता है। स्क्रब टाइफस की बीमारी बढ़ जाने के कारण मल्टी ऑर्गन फेल्योर का खतरा भी बढ़ सकता है।

 

 

 

 

 

 

 

स्क्रब टाइफस के लक्षण क्या है।

तेज सिरदर्द
उल्टी होना आदि
डंक मारने का घाव और रैशेज
बुखार आना
हाथों- पैरों में बहुत अधिक दर्द
आंखों के आसपास दर्द महसूस होना
डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स बने रहना

स्क्रब टाइफस से बचाव
बच्चों में फैलने वाली बीमारी है इसीलिए, बच्चों को साफ-सुथरे कपड़े पहनाएं।
घर के बाहर जाते समय बच्चों को जूते अवश्य पहनायें और उन्हें पार्क और बगीचों में झाड़ियों के आसपास जाने खेलने कूदने से रोकें।
बच्चों को धूल- मिट्टी और घास के सम्पर्क में आने से बचाना चाहिए
बच्चे को बुखार आने पर उसे डॉक्टर से परामर्श के बाद दवा दें।

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