लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में छात्रावासों की समस्याओं का निराकरण न होने पर रेजीडेंट , जूनियर डाक्टरों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सभी एक मत से इसकी शिकायक कुलाधिपति (राज्यपाल) करने की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जाता है कि उन पर नियम तो नये- नये लगाये जा रहे है, लेकिन उनकी सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। केजीएमयू में कुछ दिन पहले टीजी छात्रावास में खाना में कीड़ा निकलने पर वार्डेन से शिकायत की थी ,लेकिन उन्हें धमका कर शांत करा दिया गया। केजीएमयू प्रशासन ने तो घटना को संज्ञान में ही नहीं लिया। इसकी प्रकार छात्रावासों में बिजली पानी से जुड़ी समस्याओं को निराकरण नहीं किया ज रहा है। आये दिन बिजली संकट होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कुछ दिन पहले भी एनाटॉमी विभाग के पास केबल में खराबी आने पर गल्र्स छात्रावास की बिजली गायब हो गयी।
बिजली के केबिल में फाल्ट आने पर केजीएमयू के जिम्मेदार अधिकारी एस पी सिंह बिजली विभाग पर गलती बता कर अपनी खामियों को छुपा लेते है। बताया जाता है कि बिजली के पैनल में घटिया सामान लगा होने के कारण फाल्ट जल्दी जल्दी आता है। कल भी बिजली का संकट होने पर सरदार पटेल व महामाया छात्रावासों की छात्रों ने केजीएमयू प्रशासन व जिम्मेदार लोंगों को शिकायत कर दी थी। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। केजीएमयू में बिजली व्यवस्था के संभालने वाले जिम्मेदारी अधिकारी एसपी सिंह ने तत्काल एक्शन नहीं लिया। जिससे मेडिकोज को कलाम सेंटर व शताब्दी अस्पताल में रात गुजारनी पड़ी थी। इस दौरान पानी का संकट भी बना रहा।
मेडिकोज की मानें तो केजीएमयू प्रशासन बिजली व पानी आपूर्ति को सम्हालने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई तो दूर पूछताछ तक नहीं करता है। जो अधिकारी कहें वही सही होता है। लगातार बनती जा रही समस्याओं को निराकरण न होने पर परेशान रेजीडेंट व जूनियर डाक्टर अब आपस में चर्चा करने लगे है कि समस्याओं का निराकरण केजीएमयू के प्रशासनिक स्तर पर नही हो सकता है। इस लिए केजीएमयू के कुलाधिपति यानी राज्यपाल को शिकायत भेज कर शिकायत का निराकरण करने की गुहार लगायी जाए। फिलहाल केजीएमयू अधिकारियों का कहना है कि जिनकी जिम्मेदारी है। वह कार्रवाई नहीं करते है तो जांच करा कर दोषियों के प्रति सख्त उठाया जाएंगा।
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