लखनऊ- करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में चर्चा में आये रोटोमैक ग्रुप के चेयरमैन विक्रम कोठारी को फिर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में भर्ती किया गया है। बताया जाता है कि मुम्बई में स्पाइन सर्जरी कराने के बाद कोठारी ने हाथ-पैर में कमजोरी की शिकायत की। इसके बाद केजीएमयू के पीएमआर विभाग में प्राइवेट वार्ड में भर्ती कराया गया है। बेहद गोपनीय तरीक से लगभग पांच दिन से लिम्ब सेंटर के कृत्रिम अंग एवं अवयव केन्द्र में उसका इलाज किया जा रहा है। दो पुलिस कर्मी उनके कमरे के बाहर सुरक्षा में तैनात चल रहे हैं।
पीएमआर विभाग के डॉ. अनिल गुप्ता के निर्देशन में विक्रम कोठारी का इलाज चल रहा है। कोठारी को स्पाइन में परेशानी है। करीब 20 दिन पहले मुंबई के अस्पताल में ऑपरेशन कराया था। डॉ. अनिल के मुताबिक ऑपरेशन के बाद कोठारी के हाथ-पैर में ताकत कम हो गई थी। घुटनों में भी तकलीफ है। फिजियोथेरेपी समेत दवाओं से उनका इलाज चल रहा है। कसरत उन्हें काफी हद तक सिखा दी गई है। जल्द ही सुधार होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
लिम्ब सेंटर के पीएमआर विभाग में कोठारी का इलाज चल रहा है। प्राइवेट कमरा नम्बर 19 में उन्हें भर्ती किया गया है। कमरे के बाहर दो सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी ने बताया नियमानुसार कोठारी को प्राइवेट कमरे में इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि नियमानुसार ही इलाज किया जा रहा है।
बताते चले कि विक्रम कोठारी की 22 मार्च 2018 को तबीयत बिगड़ी थी। इसके बाद उन्हें चिकित्सा विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था।
बताया जाता है कोठारी को चक्कर आने व अनियंत्रित डायबिटीज के कारण भर्ती किया गया था। 21 अप्रैल को विक्रम कोठारी को शताब्दी के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया था। जेल प्रशासन से जारी कई पत्रों के बाद केजीएमयू प्रशासन ने आठ डॉक्टरों की टीम गठित की। उस वक्त सवाल उठ रहा है कि जब केजीएमयू में इलाज से सुधार नहीं है तो फिर उन्हें क्यों विशेष मरीज की तरह भर्ती क्यों रखा गया था। करीब तीन महीने केजीएमयू में उनका इलाज किया गया। आठ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने इलाज किया था। उसके बाद भी उन्हें आराम नहीं मिला था।
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