लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में जूनियर रेजीडेंट डा. मनीषा आत्महत्या मामले में गठित जांच कमेटी अब आरोपी सीनियर रेजीडेंट डा. उधम सिंह के अवकाश से लौटने पर बयान दर्ज करेगी। जांच कमेटी कई अन्य पहलुओं पर भी जांच करेंगी। उधर बताया जाता है कि डा. मनीषा के परिजनों की जांच के मांग पर पुलिस सबूतों की छानबीन में उसके लैपटॉप व मोबाइल को खंगाल सकती है, जब कि पुलिस में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अभी तक डा. उधम सिंह का बयान दर्ज तक नहीं किया है।
जूनियर रेजीडेंट मनीषा के कमरे की फारेंसिक टीम व पुलिस को जांच पड़ताल में सुसाइड नोट मिला था। इसके अलावा इंजेक्शन व वायल भी मिले थे। पुलिस ने डायरी को सुसाइड नोट में हैंडराइटिंग की मिलाने के लिए जब्त किया है। इसके अलावा लैपटाप को भी एक बार देखना चाहती है कि आत्महत्या करने से पहले उसमें कोई महत्वपूर्ण तथ्य तो नहीं जिसके कारण वह आत्महत्या को मजबूर हुई है। उसके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल व अन्य जानकारी भी एकत्र की जा रही है। उधर परिजनों का कहना है कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर डा. मनीषा के मौत की जांच एजेंसी से कराने की मांग करेंगे। परिजनों की मांग के बाद आनन-फानन में केजीएमयू प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी। जांच कमेटी डा. जीपी सिंह के नेतृत्व में गठित की गयी है।
बताया जाता है कि कमेटी दशहरा का अवकाश से लौटे डा. उधम सिंह का बयान दर्ज करेगी। कमेटी डा. मनीषा प्रकरण में कई अन्य पहलुओं पर जांच करेगी। इसके लिए डा. मनीषा की उपस्थिति व अन्य जानकारी क्वीन मेरी प्रशासन से मंागी गयी है कि वह कितने दिन व अवकाश व कितने दिन अॉन ड¬ूटी रही। इसके अलावा उसके व्यवहार कुशलता को देखा जाएगा कि ड्यूटी के अंतिम तनाव में थी कि नहीं। अगर थी कि उसने अपने सहयोगी साथी से कोई बात शेयर की या डा. उधम सिंह के बारे में चर्चा की नहीं की।