लखनऊ। देशभर में रेयर डिजीज अवेयरनेस माह के रूप में मनाये गये फरवरी महीने के अन्तिम दिन लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर्स सपोर्ट सोसाइटी ने संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) लखनऊ के जेनेटिक्स विभाग के साथ मिलकर दुर्लभ बीमारियों को लेकर शनिवार को पीजीआई के टेली मेडिसिन में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। पीजीआई के टेलीमेडिसिन हॉल में आयोजित हुये कार्यक्रम का लक्ष्य दुर्लभ बीमारियों खासतौर से एलएसडी जैसे कि गॉशर, फैब्राी, एमपीएस आदि के बारे में जागरूकता फैलाना था। इस मौके पर डॉ अमरेश बहादुर सिंह, डीजीएम, नेशनल हेल्थ मिशन, डॉ शुभा फड़के हेड, एक्जीक्यूटिव मेंबर, आईएपी मेडिकल जेनेटिक्स विभाग, पीजीआई मौजूद थी।
21 मरीज दुर्लभ बीमारियों के हैं। जिनमें से सात मरीज सरकार से इलाज के लिए किसी भी तरह की सहायता न मिलने के कारण मौत का शिकार हो चुके हैं। मंजीत सिंह ने कहा कि हम पिछले 10 वर्षों से एलएसडी से प्रभावित मरीजों और उनके परिवारजनों के लिए अनवरत रूप से कार्य कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने रेयर डिजीज को लेकर दो बार राष्ट्रीय नीति जारी की जिसमें उपचार योग्य एलएसडी का उल्लेख विशेष रूप से किया गया है। डिपार्टमेंट ऑफ मेडिकल जेनेटिक्स -प्रोफेसर एवं हेड डॉ शुभा फड़के ने कहा कि प्रारंभिक पहचान करना इलाज और समुचित देखभाल के लिए जरूरी है।
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