लखनऊ । राजस्थान में जीका वायरस के खतरे को देखते हुए वहां जाने वाली गर्भवती महिलाओं को अभी न जाने का परामर्श दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि जीका वायरस से सबसे अधिक संक्रमण गर्भस्थ शिशु को होता है। इसके अलावा राजस्थान से आने वाले संदिग्ध मरीजों की जांच कराने के लिए निर्देश स्वास्थ्य महानिदेशालय ने दिये है। इसके लिए किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय को नोडल सेंटर बनाया गया है।
राजस्थान के जयपुर में तीस से ज्यादा मरीजों में जीका वायरस की चपेट में लोग पाये गये है। इसके बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीमें वहां पर लगातार काम कर रही है। इसके अलावा वहां पर खास बात यह है कि बिहार से गये लोगों में भी जीका वायरस का संक्रमण पाया गया है। लगातार बढ़ रहे जीका वायरस के संक्रमण को देखते हुए गर्भवती महिलाओं को राजस्थान यात्रा को जाने से टालने का अनुरोध किया है। विशेषज्ञों की माने तो गर्भवती महिलाओं को जीका वायरस के संक्रमित होने की ज्यादा आशंका होती है। इसके संक्रमण से गर्भस्थ शिशु का दिमाग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है आैर शिशु में विकृति आ सकती है। ऐसे में कोशिश की जाए कि गर्भवती महिलाए राजस्थान जाने से बचे। इसी प्रकार अगर कोई गर्भवती महिला राजस्थान से आती है आैर उसको डेंगू जैसे लक्षण प्रकट होते है तो विशेषज्ञ डाक्टर से मिल कर तत्काल इलाज कराने के साथ गर्भस्थ शिशु का अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए।
संचारी रोग निदेशक डा. मिथलेश का कहना है कि राजस्थान के जयपुर में लगातार जीका वायरस मिलने पर प्रदेश सरकार को अलर्ट किया गया है। खास कर एयरपोर्ट अथॉरिटी को सतर्क कर दिया गया है कि राजस्थान से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जाए। अगर संदिग्ध लक्षण लगते है तो उन्हें जांच के लिए केजीएमयू रेफर किया जा सकता है। केजीएमयू की माइक्रोबायलॉजी विभाग में इसकी जांच करानी होगी। इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को भी दिशा निर्देश देकर इलाज की समुचित व्यवस्था व वार्ड को तैयार रखने का निर्देश है।
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