लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीन मेरी अस्पताल में स्वाइन फ्लू से पीड़ित गर्भवती महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां पर दो गर्भवती महिलाओं की मौत के बाद यहां पर आइशोलेशन वार्ड ही अलग कर दिया गया है। ताकि गर्भवती महिलाओं को बेहतर इलाज दिया जा सके। वार्ड में स्वाइन फ्लू के संदिग्ध लक्षण मिलने पर तत्काल जांच करायी जा रही है।
क्वीन मेरी में स्वाइन फ्लू महिला मरीजों के इलाज के लिए विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम ही तैनात कर दी गयी है, जो कि संदिग्ध गर्भवती महिलाओं की जांच पड़ताल करने के बाद आइशोलेशन वार्ड में रखी जाती है। इनका स्वाइन फ्लू का इलाज चलने के साथ ही गर्भावस्था पर निगाह रखी जाती है। विशेषज्ञ डाक्टर मरीज की स्थिति के अनुसार मेडिसिन विभाग व अन्य विभाग के डाक्टरों का परामर्श भी लेते है आैर विजिट भी करने आते है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तीन महीने के आस-पास महिला का गर्भ है तो उसके भ्रूण पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
इसका इलाज के दौरान ध्यान रखा जाता है। इसके अलावा आठ महीने की गर्भवती महिला को टेमी फ्लू दवा दी जाने के साथ उसका ध्यान रखा जाता है। बताया जाता है कि एक गर्भवती स्वाइन फ्लू महिला की डिलीवरी भी करायी जा चुकी है। इसके अलावा दो भर्ती महिला मरीजों की हालत स्थिर बनी है।