लखनऊ। केजीएमयू के क्वीन मैरी अस्पताल में आज फिर डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा। परिजनों ने महिला की मौत पर जमकर हंगामा किया और डॉक्टरों पर मारपीट का आरोप भी लगाया। हंगामा इतना बढ़ गया की शव अंदर पड़ा रहा और नवजात सड़क पर परिजनों की गोद में पडा रोता रहा। सड़क पर चल रहे लोगों ने तरस खाकर रुई से दूध पिलाने की कोशिश की थी और बिना कपड़े के नवजात को एक पुराना कपड़ा देकर नंगे शरीर को ढका गया। इस बीच क्वीन मैरी अस्पताल का कोई भी डॉक्टर पी आर ओ नहीं आया और तमाशा बनता गया। लखीमपुर के रायपुर इलाज कैसे बीती रात परिजन मरीज किरन लेकर क्वीन मैरी आए थे।
लखीमपुर के स्थानीय निजी अस्पताल ने डिलीवरी के बाद अधिक ब्लीडिंग और कम होते BP के कारण रेफर कर दिया था। यहां पर भर्ती होने के बाद उसका इलाज से शुरु करा दिया गया। परिजनों का कहना है दो यूनिट ब्लड भी मंगाया गया। लेकिन महिला के हालत की कोई जानकारी नहीं दी गई सिर्फ यही कहा जाता रहा अंदर उसका इलाज चल रहा है। कई बार मिलने की कोशिश की गई लेकिन मिलने नहीं दिया गया। इसके साथ ही नवजात शिशु की भी कोई देख-रेख नहीं की गई डॉक्टर से पूछने पर फटकार लगा देती थी और भगा देती थी। आज सुबह करीब 11:00 बजे के आसपास महिला की मौत बता दी गई। इस पर परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा कर रहे हैं उनका कहना था अगर मरीज की हालत बिगड़ रही थी तो उन्हें क्यों नहीं बताया गया।
परिजनों ने शव ले जाने से इंकार कर दिया और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाने लगे। जूनियर डॉक्टरों ने उन्हें वहां से जाने को कहा तो वह लोग डटे रहे। इस बात पर जूनियर डॉक्टरों से उनकी तीखी नोकझोंक भी हो गई परिजनों का आरोप है उन्हें मारपीट कर बाहर कर दिया गया। परिजन परेशान थे और रिश्तेदार की बाद में नवजात बिना कपड़े के लगातार रो रहा था। मौजूद तीमारदारों ने दूध रुई से पिलाया। करीब 2 घंटे तक मासूम सड़क पड़ा रहा लेकिन कोई डॉक्टर नहीं आया। डॉक्टरों की संवेदनहीनता पर सड़क पर चल रहे लोग हैरान थे। हालांकि केजीएमयू के प्रवक्ता डॉक्टर नरसिंह वर्मा का कहना है उन के डॉक्टरों की कोई गलती नहीं मरीज गंभीर हालत में आया था।