क्वीन मेरी अस्पताल : लेबर रूम के बाहर प्रसव,डाक्टर पर धक्का देने का आरोप

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लखनऊ। क्वीन मेरी अस्पताल में लेबर रूम के बाहर प्रसव हो गया। आनन-फानन में गर्भवती महिला को लेबर रूम ले गये। इधर तीमारदारों का आरोप है कि गर्भवती मंिहला को डाक्टर ने धक्का दे दिया। वायरल वीडियों पर अस्पताल की प्रमुख डा. एस पी जायसवार का कहना है कि वह खुद लेबर रूम में नहीं जा रही थी। जूनियर डाक्टर कई अंदर ले जाने की कोशिश कर चुके थे। उसको किडनी दिक्कत है आैर हीमोग्लोबिन भी कम है। वह भर्ती है आैर डायलिसिस कराया जा रहा है।

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लखीमपुर खीरी के मूसेपुर गांव निवासी अजय मौर्या की पत्नी शांति को गर्भावस्था के सातवें महीने में गंभीर हालत में क्वीन मैरी अस्पताल में मंगलवार की देर रात दो बजे इमरजेंसी में भर्ती किया गया। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसकी कुछ जांच लिखी गई और प्रसव की तैयारी की जाने लगी। बार-बार लेबर रूम में चलने के लिए कहते रहे, लेकिन तीमारदार और गर्भवती ने सुन ही नहीं रहे थे, जब लेबर रूम के बाहर प्रसव हो गया तो डाक्टर पर धक्का देने का आरोप लगा दिया।

वायरल वीडियो में कौशल किशोर नामक व्यक्ति यह बताते हुए नजर आ रहे हैं कि बड़े भाई की बहू शांति को क्वीन मैरी अस्पताल में भर्ती करवाने के बाद ट्रामा सेंटर से ब्लड टेस्ट लिखे गये, जिसको देने के लिए वह चले गए। वापस आए महिलाओं ने बताया कि डाक्टर ने गर्भवती महिला को थप्पड़ मार कर बाहर भगा दिया। जब तक वहां हमारे पास आयी तब तक उसका प्रसव शुरू हो गया। अगर उसे हमने पकड़ा नहीं गया होता, तो हमारा मरीज भी नहीं बच पाता, वहीं दूसरी वीडियो में महिला लेबर रूम के बाहर प्रसव की हालत में दिख रही है, जिसे अस्पताल के चिकित्सक कर्मचारी लेबर रूम ले जाने की कोशिश कर रही है। वीडियो बनाने वाले व्यक्ति ने बार-बार यह पूछा कि किसने धक्का दिया है तो इस पर महिलाएं गोल-मल जवाब दे रही हैं।

इस घटनाक्रम पर क्वीन मेरी अस्पताल की प्रमुख डा. एस पी जैसवार ने बताया कि गर्भवती महिला की किडनी खराब थी और उसका हीमोग्लोबिन स्तर चार पर था। उसे प्रसव के दौरान ब्लड की आवश्यकता थी। तीमारदार को कुछ ब्लड टेस्ट कराना आवश्यक बताया गया और प्रसव की तैयारी की जा रही थी। महिला को बार-बार लेबर रूम ले जाने की कोशिश जूनियर डाक्टर कर रहे थे लेकिन वह लेबर रूम के अंदर जाने को तैयार नहीं थी। इसी दौरान प्रसव होने के बाद महिलाओं ने धक्का देने का आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि धक्का देने से किसी की डिलीवरी नहीं होती है। अभी भी महिला अस्पताल में भर्ती है और इलाज चल रहा है। जिसके तहत डायलिसिस करवाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

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