नवजात शिशु की सही देखभाल जरूरी …

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साइक्लो-वॉकथॉन द्वारा नवजात शिशु सप्ताह समारोह की शुरुआत

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लखनऊ। नवजात शिशु रोग विभाग ने अपने स्थापना दिवस और राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह समारोह के उपलक्ष्य में आज रविवार सुबह एक जीवंत साइक्लो-वॉकथॉन का आयोजन किया। यह कार्यक्रम सुबह 7:00 बजे शुरू हुआ और सर्द मौसम के बावजूद बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

विभागाध्यक्ष डॉ. कीर्ति नारंजे के स्वागत भाषण के बाद वॉकथॉन को हरी झंडी दिखाई गई, जिसमें प्रतिभागी नवजात शिशु देखभाल को बढ़ावा देने वाली तख्तियाँ लिए हुए थे। इस कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर. हर्षवर्धन, गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. रजनीश कुमार सिंह और नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. राधा के. सहित वरिष्ठ संकाय सदस्यों ने भाग लिया।तत्पश्चात उद्घाटन कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों ने नवजात शिशु के स्वास्थ्य में सुधार, प्रारंभिक देखभाल प्रथाओं और सामुदायिक जागरूकता के महत्व पर ज़ोर दिया।

कार्यक्रम का एक विशेष आकर्षण फिल्म ‘हक’ के बाल कलाकार व प्रीमोचर सुउरवाइर मास्टर हैदर का सम्मान था। हैदर और उनके माता-पिता ने अपनी प्रेरणादायक यात्रा साझा की और डॉ. अनीता सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया, जिनकी देखरेख में उनका उपचार जारी है।
प्रतिभागियों ने छात्रों और कर्मचारियों द्वारा बनाई गई सुंदर पोस्टर प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया, जिसके बाद डीन और कार्यवाहक निदेशक, प्रो. शालीन कुमार द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए।

सुश्री अर्चना और सुश्री ज़ेबा के मार्गदर्शन में नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं द्वारा नवजात शिशु के स्वास्थ्य के प्रमुख पहलुओं को प्रदर्शित किया गया, जिसमें प्रसवपूर्व देखभाल, स्तनपान, कंगारू मदर केयर, टीकाकरण और तापमान नियंत्रण शामिल थे। नर्सिंग प्रभारी सिस्टर सोमा और एएनएस सुश्री रेणु साइमन ने टीम को सम्मानित किया।सुबह के कार्यक्रम में विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों और नर्सिंग अधिकारियों द्वारा आयोजित मनोरंजक खेलों का भी आयोजन किया गया, जिसने उत्सव में ऊर्जा और उत्साह भर दिया।

कार्यक्रम का सुचारू संचालन डॉ. आकांक्षा, डॉ. सुशील कुमार, डॉ. फौज़िया और डॉ. अभिषेक पॉल के संयुक्त प्रयासों से संभव हो सका, जिन्होंने कार्यक्रम के सभी पहलुओं की देखरेख और समन्वय के लिए मिलकर काम किया।कार्यक्रम उत्साहपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, जिसने नवजात शिशु के स्वास्थ्य और सामुदायिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को और पुष्ट किया।

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