लखनऊ। सरोजनीनगर में हुए शराब माफिया हत्याकांड में शूटर मिले न तस्करों को पुलिस खोज पाई हैं। हालांकि पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में बाइक सवार दो संदिग्ध जरूर दिखे हैं जिनकी धरपकड़ के लिए पुलिस टीमें जुट गई हैं। पुलिस का कहना है कि हुलिए के आधार पर आशंका जताई जा रही है कि फुटेज शूटरों की ही हैं। फिलहाल उनके पकड़े जाने पर ही असलियत सामने आ सकेगी। वहीं इस मामले में पुलिस सर्विलांस की भी मदद ले रही है।
तस्कर पर गहराया शक
पुलिस ने घटना में नामजद किए गए तस्कर राजेंद्र की मोबाइल लोकेशन खंगाल रही है। जिसके बाद पुलिस को और भी शक हो गया है कि राजेंद्र ही इस वारदात का मास्टरमाइंड हो सकता है। हालांकि पुलिस अधिकारी अभी इस मामले में ज्यादा कुछ बोल नहीं रहे हैं। उनका कहना है कि नामजद आरोपियों की पूरी कुंडली खंगाली जा रही है। हालांकि पुलिस ने इतना जरू र बताया कि राजेंद्र घटना से करीब सप्ताह भर पहले ही जेल से छूटकर बाहर आया था।
घर से ही हो रही थी रेकी
अब तक की पड़ताल में यह भी बात सामने आ रही है कि विनोद सिंह पर नजर रखने के लिए घर के बाहर से ही लोगों को लगा रखा गया था। पलपल की रेकी की जा रही थी। यही वजह थी कि विनोद सिंह जैसे ही कार से उतरा बाइक सवार बदमाशों ने उसे गोली मार दी। यही वजह है कि पुलिस मृतक के घर से लेकर घटना स्थल और उसके आगे लगे सभी सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है। उ मीद जताई जा रही है कि कहीं न कहीं बदमाशों का सुराग मिल सकता है।
वकीलों के मोबाइल नंबर भी रडार पर
शराब माफिया विनोद सिंह की हत्या के मामले में जिस तरह से दोनों वकीलों के कार से उतरते ही वारदात हो गई। उससे कहीं न कहीं वकीलों पर भी शक गहराया हुआ है। कारण है कि अपराधियिों को इस बात की जानकारी कैसे थी कि वकील कार से उतर जाएंगे और उन्हें वारदात अंजाम देने का मौका मिल जाएगा। यही वजह है कि पुलिस जल्द ही वकीलों के मोबाइल की पूरी हिस्ट्री खंगाल सकती है।