लखनऊ ।संजय गांधी पी जी आई प्रशासन की लापरवाही से इमरजेंसी वार्ड से लेकर कार्डियक, सीसीएम, इंडोक्राइन सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों में भर्ती मरीजों में कोरोना संक्रमण मिला है। तीमारदारों का कहना है कि डॉक्टरों की लापरवाही है कि जब मरीज कोरोना की जांच के बाद नेगेटिव रिपोर्ट आने पर भर्ती किया जाता है तो मरीजों में संक्रमण कैसे फैल रहा है। आरोप है कि डॉक्टर, रेजिडेंट डॉक्टर या पैरामेडिकल स्टाफ किसी ना किसी में कोरोना संक्रमण है ,जोकि मरीजों तक पहुंच रहा है । पीजीआई की इमरजेंसी वार्ड में उदर रोग का तीन दिन से भर्ती पकड़ लेगा मरीज को कोरोना का संक्रमण होने पर वार्डो मे भर्ती मरीजों में हडकंप मच गया। यहां के मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया। इमरजेन्सी वार्ड को सील कर सेनेटाइज कराया गया।
इमरजेन्सी के बाद इंडोक्राइन सर्जरी वार्ड में भी दो मरीजों में संक्रमण पाने पर उन्हें भी दूसरे वार्डो में भर्ती मरीजों को शिफ्ट किया गया। अभी यह समस्या हल नहीं हो पाई थी कि क्रिटिकल केयर मेडिसिन वार्ड में भर्ती मरीजों में भी कोरोना का संक्रमण होने पर हड़कंप मच गया। आनन-फानन में वहां के मरीजों को भी दूसरे क्रिटिकल केयर वाडॅ में शिफ्ट किया गया था कि कार्डियक सर्जरी के एक मरीज में संक्रमण फैलने लगा। वहां के मरीजों को भी आई सी यू 3 के वाडॅ में शिफ्ट किया गया। इन वार्डो को सील के बाद इन सभी वार्डो का सेनेटाइज कराया गया ,ताकि इन वार्डो को संक्रमण से मुक्ति मिलने पर इन्हें पुनः शुरू किया जा सके।
जबकि इन मरीजों को कोरोना की जांच की गयी। जांच में रिपोर्ट निगेटिव आने पर इन मरीजों को भर्ती किया गया है। एक मरीज में दो रिपोर्ट निगेटिव आयी हैं ,तीसरी रिपोर्ट पाजीटिव आने पर इन्हें कोरोना के राजधानी कोविड 19 संजय गांधी पी जी आई के अस्पताल में इन्हें शिफ्ट किया गया है। लगातार महत्वपूर्ण वालों में कोरोना संक्रमण मिलने से प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है । जिम्मेदार अधिकारियों ने मौन साध रखा है और चुपचाप इसकी पड़ताल में लगे हुए हैं । तीमारदारों में इससे आक्रोश बढ़ता जा रहा है उनका कहना है कि वार्डो में कार्यरत कर्मियों मे किसी को कोरोना का संक्रमण की शिकायत हो सकती है। यहां पर कार्यरत डॉक्टर पैरामेडिकल स्टाफ व कर्मियों की भी जांच होनी चाहिये।