लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एसजीपीजीआई में ओपीडी को पूरी तरह से शुरू किया जाए। सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर मरीजों का इलाज करने से कोरोना के भय माहौल कम होने लगेगा, जब डाक्टर ही डरगें तो मरीजों भी डरने लगेंगे। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल और प्राइवेट अस्पतालों ने सामान्य ओपीडी शुरू कर दी है। ऐसे में पीजीआई को भी सामान्य ओपीडी शुरू कर देना चाहिए। मुख्यमंत्री सोमवार को एसजीपीजीआई के 37 वें स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एसजीपीजीआई की स्थापना का उद्देश्य है कि वह शोध और मरीजों के इलाज सहित सभी चिकित्सकीय मामले में गुणवत्ता पूर्ण काम करके आगे चलना है। अब एसजीपीजीआई के सामने इसलिए भी चुनौतियां बढ़ गई हैं कि वर्ष 2021 में एम्स रायबरेली और एम्स गोरखपुर पूरी तरह से मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा। ऐसे में उच्चस्तरीय तकनीक लानी होगी ताकि मरीज को इलाज के लिए कहीं आैर न जाना पड़े। अभी से रणनीति बनानी होगी। बीएचयू सहित कई अन्य संस्थान भी विकसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीजीआई के डाक्टरों ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट सहित अन्य सुपर स्पेशलिटी इलाज करने में इतिहास रचा है। ऐसे में आैर बेहतर कार्य करके मरीजों को राहत देने के लिए आगे आना होगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से 20 के बीच में 30 नये मेडिकल कॉलेज स्थापित हो रहे हैं। ऐसे में एसजीपीजीआई को अपनी वरिष्ठता बनाए रखने के लिए शोध में आैर बेहतर काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान एसजीपीजीआई ने वर्चुअल आईसीयू का संचालन कर दूसरे अस्पतालों को गंभीर मरीजों के इलाज में मदद किया है। उन्होंने कहा कि ट्रामा सेंटर को केजीएमयू से हटाकर पीजीआई को चलाने की जिम्मेदारी दी है। उसका इस्तेमाल कोविड-19 के 300 मरीजों के इलाज में मदद मिली है। सभी की संयुक्त भागीदारी की वजह से कोरोनावायरस से लड़ने में कामयाबी मिली और डब्ल्यूएचओ ने यूपी मॉडल की तारीफ की। उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन आ जाएगी और वायरस के खाते में के लिए चलाए गए अभियान पूरी तरह से सफल साबित होंगे। उन्होंने कहा कि एसजीपीजीआई को आयुष्मान सहित अन्य सरकारी योजनाओं में भी शामिल होना चाहिए। समारोह में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि एसजीपीजीआई की स्थापना के समय तय हुआ था कि यहां 18 सौ बेड पर मरीजों को इलाज दिया जाएगा। लगभग 900 बेड पर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। अब 1200 बिस्तरों पर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां पूरे प्रदेश से मरीज आते हैं। इसलिए इलाज के साथ मरीजों से व्यवहार बनाये रखे। ताकि एसजीपीजीआई का यश बना रहे। स्थापना दिवस समारोह में निदेशक प्रो. आर के धीमान ने पीजीआई में हो रहे क्लीनिकल कार्यो के बारे में जानकारी दी। कोरोना प्रोटोकाल का ध्यान में रखते हुए सीमित संख्या में अतिथियों को आमत्रिंत किया गया था। संस्थान सहित अन्य लोग वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से समारोह में शामिल हुए।