पेट्रोल पम्पों पर 13 जनवरी के बाद भी कार्ड के जरिए भुगतान होता रहेगा। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि न तो आम ग्राहकों और न ही पेट्रोल पम्प डीलर को डेबिट या क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर लगने वाले सर्विस सार्ज का बोझ वहन करना पड़ेगा।
कार्ड से भुगतान जारी रखने का ऐलान हुआ था –
गौरतलब है कि रविवार की शाम देश भर के पेट्रोल पम्प डीलर्स ने घोषणा की थी कि अब वे कार्ड के जरिए भुगतान नहीं लेंगे। उनका कहना था कि बैंक उनसे कार्ड से भुगतान पर लगने वाले सर्विस चार्ज देने को कह रहे हैं। डीलरों के मुताबिक, उन्हें इतना कमीशन नहीं मिलता कि वो कार्ड भुगतान पर सर्विस चार्ज का बोझ स्वयं उठा सकें।
इस विवाद के बाद पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मामले में दखल दिया और बैंकों ने सर्विस चार्ज पेट्रोल पम्प मालिकों से वसूलने का फैसला 13 जनवरी तक टाल दिया जिसके बाद पेट्रोल पम्प पर कार्ड से भुगतान जारी रखने का ऐलान हुआ था। सरकार ने आज साफ किया कि न तो आम ग्राहकों और न ही पेट्रोल पम्प डीलर को डेबिट या क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर लगने वाले सर्विस सार्ज का बोझ उठाना पड़ेगा।
साथ ही संकेत दिए कि इस चार्ज को बैंक और तेल कंपनियां साझा तौर पर बोझ उठा सकती हैं। सरकारी अनुमान के मुताबिक नवंबर के महीने में हर दिन औसतन 720 करोड़ रुपये के पेट्रोल-डीजल खरीदने के लिए भुगतान कार्ड के जरिए किया गया। इस हिसाब से यदि डेबिट और क्रेडिट मिलाकर औसत सर्विस चार्ज 0.5 फीसदी लगाया जाए तो साल भर में 1314 करोड़ रुपये की रकम बनेगी।