लखनऊ। पहला साफ्ट स्किल वर्कशाप फार हेल्थ प्रोफेशनल्स कार्यशाला का आयोजन आज अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में किया गया। दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि ब्राहृम कुमारी राधा बहन ने किया। इसके अलावा कार्यक्रम की अध्यक्षता किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमएलबी भटट् द्वारा की गई। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि उपस्थित बृह्म कुमारी राधा बहन ने कहा कि हम सभी में पहले मानवीय गुण थे परंतु बड़े होते-होते कुछ लोगों में यह मानवीय गुणों को हृस हो गया। अपने मूल्यों को पहचानना एवं उनका पालन करना यह मानव का परम कर्तव्य है और सॉफ्ट स्किल कोर्स इस दिशा में समाज के लिए एक सार्थक पहल है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कितनी ही अच्छी कंपनी का यंत्र हो अगर उसका सॉफ्टवेयर खराब है तो बेकार है। इसी प्रकार से मनुष्य में भी सॉफ्ट स्किल नहीं होगी तो वह समाज की अपेक्षित सेवा नहीं कर पाएगा।
कार्यक्रम के संयोजक एवं प्रभारी स्किल सेंटर डॉ. विनोद जैन ने बताया कि आजकल चिकित्सा कर्मी तनावग्रस्त रहते हैं, जिस कारण से उनका मरीजों एवं तीमारदारों के बीच संबंध भी खराब हो जाते हैं। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों में सॉफ्ट स्किल का होना अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल उनके तनाव को कम करेगा बल्कि मरीजों से उनके संबंध में सुधार करेगा। उन्होंने कहा कि पेशंट के साथ पेशेंस की आवश्यकता होती है, चिकित्साकर्मी दया, दुआ और दवा इन तीनों से मिलकर रोगी को स्वास्थ्य बनाते हैं।
डॉ. जैन ने बताया कि एक वैज्ञानिक शोध में यह बात सिद्ध हो चुकी है कि जिन मरीजों का इलाज अच्छे व्यवहार के साथ होता है, उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार होता है। उन्होनें बताया कि चिकित्साकर्मियों को अपने करियर की आरंभिक अवस्था में ही यह सुधार लाने चाहिए, ताकि समाज को बेहतर सुविधा का लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि 22 व 23 अक्टूबर 2018 को आयोजित होने वाली इस दो दिवसीय कार्यशाला में एक साथ 30 परीक्षार्थीयों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें उन्हें प्रोफेशनलिज्म एवं एथीक्स, कम्युनिकेशन एवं इंटर पर्सनल रिलेशनशिप, को-ऑपरेशन एवं टीम वर्क, सकारात्मकता, करूणा एवं ऐंगर मेनेजमेंट, सेल्फ रेलीगेशन एवं पीस के विषय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस अवसर केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भटट् ने बताया कि किसी भी चिकित्सीय संस्थान में यह कोर्स पहली बार आयोजित हो रहा है और केजीएमयू में इसका प्रारम्भ होना गर्व का विषय है। इसकी आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इसकी आवश्यकता समस्त चिकित्सा, नर्सिंग एवं पैरा मेडिकल के छात्र-छात्राओं को है। उन्होंने कहा कि मूल्यों से युक्त चिकित्साकर्मी ही दूसरों को मूल्यों पर आधारित चिकित्सा सेवा दे सकते हैं। इस अभिनव पहल के लिए उन्होंने डॉ. विनोद जैन एवं उनकी टीम को बधाई देते हुए इसकी निरंतरता बनाए रखने का आग्रह किया।
इस सॉफ्ट स्किल कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में डॉ. विनोद जैन के साथ-साथ डॉ. पुनीता मानिक, डॉ. रीमा कुमारी, डॉ. अनुराधा निश्चल, डॉ. अनिल निश्चल, डॉ. गीतिका नंदा सिंह एवं डॉ. भूपेंद्र कुमार मुख्य रूप से उपस्थित रहें तथा साथ ही प्रोफेसर अरूण चतुर्वेदी, प्रो. जीपीसिंह, प्रोफेसर आरएएस कुशवाहा एवं डॉ. अभय नारायण तिवारी आदि की विशिष्ठ उपस्थिति उत्साहवर्धक थी।
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