लखनऊ। बच्चों में लगातार बढ़ते मोटापे के कारण कार्डियक व अन्य समस्या से बचाव के लिए स्वास्थ्य जांच के दौरान ब्लड प्रेशर भी नापा जाएगा। इंडियन पीडियाट्रिक एसोसिएशन ने सात साल की उम्र से बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच में ब्लडप्रेशर को भी शामिल करने के कहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे में बच्चों की डायट में दिए जाने वाले अतिरिक्त नमक से भी बचा जा सकता है। बच्चे जंकफूड में चिप्स, मोमोज, बर्गन, चाउमीन, फिंगर चिप्स आदि का संरक्षित खाद्य पद्धार्थ में सेवन करते है, जिनमें अधिक मात्रा में नमक होता है, जो कम उम्र से ही बच्चों के ब्लड प्रेशर को अनियंत्रित कर देता है।
एनडॉक (नेशनल डायबिटीक ओबेसिटी एंड कोलेस्ट्राल फाउंडेशन) के अध्ययन के अनुसार मेट्रो शहरों में 22 फीसदी बच्चें निर्धारित मानक से अधिक वजन के हैं। विशेषज्ञों की माने तो इस आधार पर भविष्य में इन बच्चों को दिल की बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए ब्लडप्रेशर जांच बेहद जरूरी है। भारतीय बच्चों में मोटापे की समस्या को लेकर इंडियन पीडियाट्रिक एसोसिएशन काफी गंभीर है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ का कहना है कि बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है, फिजिकल एक्टिवटी न होने के कारण मोटापा के कारण बच्चों को कई दिक्कतें भी होने लगी है। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य जांच की गाइड लाइन जारी की गयी है, जिसमें नियमित स्वास्थ्य जांच के दौरान बच्चों का ब्लड प्रेशर लिया जाना शामिल है। खास मानक से ज्यादा मोटे बच्चों का, इसके अलावा जिन बच्चों को कार्डियक, किडनी बीमारी है, उनका भी ब्लड प्रेशर नापा जाना शामिल है।
बालरोग विशेषज्ञ डॉ. जीके सिंह का कहना है कि जिस तरह से बच्चों में जंक फूड के साथ वीडियोगेम का प्रेम लगातार बढ़ रहा है। उससे बच्चों में तेजी मोटापा भी बढ़ रहा है। इसके कारण बच्चों में डायबटीज बीमारी भी मिलने लगी है। जंकफूड का सेवन ज्यादा करने अधिक नमक का सेवन बच्चों को भविष्य की कई बीमारियां दे सकता है। उन्होंने बताया कि दस साल से कम उम्र में यदि बच्चे का वजन सामान्य से अधिक है तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। उसके खाने में तुरंत संरक्षित चीजें हटा दे और हफ्ते में उसका ब्लड प्रेशर जांच जरूर कराएं। ऐसे में सात वर्ष से बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच के दौरान ब्लड प्रेशर की जांच कई बीमारियों से बचा सकता है। उन्होंने बताया कि अगर उम्र के अनुसार बच्चे का वजन अधिक है तो ऐसे में ब्लडप्रेशर कम या अधिक होगा। सही समय पर असामान्य ब्लडप्रेशर की जांच से बच्चों को कराए जाने वाले व्यायाम से उसे नियंत्रित किया जा सकता है। ब्लडप्रेशर पता लगाने से बच्चों के डायट प्लान को भी तैयार किया जा सकता है