लखनऊ। बवासीर, भगन्दर आदि बीमारियों की नयी तकनीक से सर्जरी किया जाए, तो मरीज को जल्द निजात मिल जाता है। नयी तकनीक की जानकारी के लिए सर्जन को अपडेट रहना आवश्यक है, तभी मरीज का इलाज बेहतर तरीके से किया जा सकता है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डा. अरशद ने प्रोक्टोलॉजी अपडेट शैक्षणिक कार्यक्रम (सीएमई) में दी। यह सीएमई का आयोजन कन्वेंशन सेंटर में किया गया था। जहां पर चार सौ से ज्यादा डाक्टरों ने भाग लिया अौर विशेषज्ञों से सर्जरी के अपडेट लिया।
सीएमई का उद्घाटन वरिष्ठ डा. टीसी गोयल ने किया। डा. अरशद अहमद ने बताया कि मरीज शुरुआती दौर में बीमारी को नजर अंदाज करते हुए झोलाछाप डाक्टरों से इलाज कराता है। जब कि अगर शुरूआती बीमारी में ही विशेषज्ञ डाक्टर की सलाह लें, तो उसे जल्द राहत मिल सकती है। नयी तकनीक में लेजर व इस्टैपल काफी कारगर तकनीक है। शुरुआत में लोग लेजर तकनीक से सर्जरी कराने में डरते थे। अब कराने लगे है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोग गुदाद्वार पर होने वाली बीमारी को एक ही मान कर चलते है। जब कि कई अलग- अलग बीमारी होती है।
सीएमई में विशेषज्ञ डा. रमाकांत ने भी नयी तकनीक से सर्जरी के बारे में बताया। सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. अभिनव अरुण सोनकर ने भी सर्जरी की नयी तकनीक की जानकारी दी। इसके अलावा आयुर्वेद के डाक्टरों ने क्षार सूत्र विधि से इलाज करने की तकनीक बतायी। इसके अलावा डा. कुशल मित्तल, डा, परमेश्वर, डा. निरंजन आदि ने नयी तकनीक के बारे में जानकारी दी।
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