निजी क्षेत्र के डाक्टर भी अब शामिल होंगे इसमें

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लखनऊ । परिवार कल्याण विभाग मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि तरक्की के लिए परिवार नियोजन आवश्यक है। क्योकि संसाधन के उपभोग करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से सभी तक संसाधन व सुविधाएं ठीक से नहीं पहुंचना मुश्किल हो सकता हैं। वह सोमवार को परिवार नियोजन पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थी। एनएचएम, जनसंख्या स्थिरता कोष, सिफ्सा और पीएसआई के सहयोग से गोमतीनगर के एक होटल में कार्यशाला हुई। परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि यदि जनसंख्या बढ़ने की रफ्तार यही रही तो आगे चल कर दिक्कतें भी बढ़ना तय हैं। ऐसे में पीपीपी मॉडल पर परिवार नियोजन की सुविधाओं को लोगों तक पहुंचाने आवश्यक होगा। इसके लिए शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की व्यवस्था दुरुस्त होगी।

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स्टेट इनोवेशन इन फैमली प्लानिंग सर्विस प्रोजेक्ट एजेंसी (सिफ्सा) में डिप्टी जनरल मैनेजर राजेश बांगिया ने कहा कि जनसंख्या पर काबू पाने के लिए केंद्रीय परिवार कल्याण विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसमें प्राइटेस प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को भी शामिल किया जा रहा है। इसके तहत नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए डॉक्टरों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें ग्यारह सौ रुपये प्रति केस के हिसाब से बढ़ोत्तरी की गई है। अभी तक तीन हजार रुपये प्रदान किए जा रहे थे। यह व्यवस्था सिर्फ निजी क्षेत्र के डॉक्टरों पर लागू होगी।

राजेश बांगिया ने कहा कि नसबंदी कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए कई चरणों में योजनाएं हैं। इन सब के लिए पोर्टल बनाया गया है। इसमें डॉक्टरों को जोड़ा गया है। ताकि समय पर सही जानकारी मिल सके। इस कारण नसबंदी कराने वालों और डॉक्टरों को भुगतान में आसानी हुई है। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई रकम तभी डॉक्टर को मिलेगी जब वह माह में 10 से अधिक नसबंदी के ऑपरेशन करेंगे।

राजेश बांगिया ने कहा कि यूपी के जनसंख्या के लिहाज से 57 जनपद महत्वपूर्ण हैं। इनमें प्रत्येक परिवार में तीन से ज्यादा बच्चे हैं। जो जनसंख्या वृद्धि के आंकड़ों को बढ़ाने में अधिक जिम्मेदार हैं। बाकी जिलों के दो बच्चे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार अधिक बच्चों वाले जिलों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसमें अब तक 776 डॉक्टरों को जोड़ा जा चुका है। जब कि सरकारी क्षेत्र के 1027 डॉक्टर नसबंदी कर रहे हैं।
परिवार कल्याण विभाग की महानिदेशक डॉ. नीना गुप्ता ने कहा कि 32 प्रतिशत दम्पत्ति परिवार नियोजन के आधुनिक साधन का प्रयोग कर रहे हैं। इनमें लगभग 38 प्रतिशत दम्पत्ति स्थाई विधि का प्रयोग करना चाहते हैं। फिर भी लोगों को परिवार नियोजन के प्रति और जागरुक करने की जरूरत है।

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