सरकारी अस्पताल : निजी कम्पनी के कर्मी हटते ही मचा हंगामा

0
579

लखनऊ। सोमवार को विभिन्न अस्पतालों की पैथालॉजी में मरीजों की खून की जांच नहीं हो सकी। विभिन्न अस्पतालों की पैथालॉजी में मरीजों ने सैम्पल न लेने और रिपोर्ट न मिलने पर हंगामा मच गया। हंगामे के बाद अस्पताल प्रशासन ने दूसरे कर्मचारियों को ड्यूटी लगाकर काम कराना शुरू किया। पैथालाजियों में यह दिक्कत निजी कंपनी के कर्मचारियों को हटाए जाने के कारण बन गयी। निर्देश के बाद राजधानी के भी अस्पतालों से लैब में लगे कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। इससे अस्पताल में कर्मचारियों की संख्या में काफी कमी आ गई है।

Advertisement

डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल (सिविल) में सोमवार सुबह पहले तल पर पैथालॉजी में मरीजों की लंबी लाइन लगी थी। यहां पर मरीज खून के नमूना लिये जाने का प्रतिक्षा कर रहे थे। काफी देर तक नंबर न आने पर मरीजों और तीमारदारों ने हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर तुरंत ही अस्पताल प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को शांत कराना शुरू किया। इसके बाद लैब में कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी, जिससे मरीजों की जांच में तेजी आ सकी।

उधर कानपुर रोड स्थित लोकबंधु राजनारायण संयुक्त अस्पताल, बलरामपुर अस्पताल, महानगर स्थित भाऊराव देवरस अस्पताल (बीआरडी) में भी पैथालॉजी के बाहर मरीजों की लाइन लगी रही। यहां पर भी मरीजों को जांच के लिए काफी परेशानी हुई। बताते चले कि कानपुर रोड ट्रांसपोर्ट नगर स्थित निजी कंपनी की ओर से सरकारी अस्पतालों की लैब में मशीनों के साथ ही लैब टेक्नीशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर रखे गए थे। इन्हें 28 फरवरी से हटाने का निर्देश शासन से जारी हुआ है। राजधानी में निजी कंपनी से सरकारी अस्पतालों की लैबों में करीब 350 कर्मचारी कार्यरत रहे हैं। बलरामपुर अस्पताल के प्रवक्ता एसएम त्रिपाठी, सिविल और लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि शासन के निर्देश पर लैब से निजी कंपनी के कर्मचारियों को हटा दिया गया है। अस्पताल के ही अन्य कर्मचारियों को लगाकर पैथालाजी की जांच रिपोर्ट आदि दी जा रही है।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleबढ़ रहा राजधानी में स्वाइन फ्लू का प्रकोप
Next articleकेजीएमयू: मंत्री जी कहे, तब लगा 50 हजार जुर्माना

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here