लखनऊ। फैजाबाद रोड स्थित निजी हास्पिटल मामले में मरीज से छह दिन में डेढ़ लाख रुपए वसूलने मामले में सीएमओ ने जांच कमेटी गठित कर दी है। तीमारदार का आरोप है कि केजीएमयू ट्रामा सेंटर के बाहर एम्बुलेंस चालक ने लोहिया अस्पताल ले जाने की बजाय मरीज को निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया था। सीएमओ का कहना है टीम अस्पताल जाकर जांच करेगी। साक्ष्य मिलने पर अस्पताल पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। बताया जाता है कि अस्पताल प्रशासन को छापे की सूचना पहले ही पता चल गयी है।
बताते चले कि सीतापुर का रहने वाला विमलेश (25) रोड एक्सीडेंट में जख्मी हो गया था। तीमारदार उसे लेकर पहले जिला अस्पताल गए। डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताकर मरीज को ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। वहां बेड खाली न होने पर भर्ती लेने से मना कर दिया। तीमारदार मरीज की सांसें उखड़ता देख उसे लोहिया अस्पताल ले जा रहे थे तभी ट्रॉमा गेट पर मिले निजी एंबुलेंस चालक ने बेहतर इलाज का झांसा देकर उसे फैजाबाद रोड स्थित गोयल हास्पिटल ले जाकर ठेल गया। परिजनों का आरोप है पहले करीब 90 हजार रुपए जमा करा लिए गए। इसके बाद दवाओं समेत अन्य मिलाकर छह दिन में भर्ती रहने दौरान डेढ़ लाख रुपए वसूल लिए।
इस दौरान मरीज की हालत ठीक होने की बजाय आैर भी बिगड़ गई थी। तीमारदारों ने मरीज की जान बचाने के लिए उसे दूसरे निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। मामले की शिकायत सीएमओ पास पहुंची थी। सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल का कहना है जांच कमेटी गठित कर दी गई है। टीम अस्पताल जाकर इसकी पड़ताल करेगी। परन्तु बताया जाता है कि सीएमओ के टीम गठित करते ही इसकी सूचना निजी अस्पताल को पहुंच गई। अस्पताल ने भी अपनी तैयारी कर ली है। सीएमओ की टीम सिर्फ खानापूर्ति करके लौटेगी। इस संबंध में निजी अस्पताल के मैनेजर अनूप बाजपेई से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम की कॉल हास्पिटल मालिक पास आया था। हालांकि अभी तक कोई भी टीम जांच के लिए नहीं आई है।
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