लखनऊ ।रोड एक्सीडेंट में या किसी दूसरे दुर्घटना में घायल होने वाले किसी भी व्यक्ति के दिमाग पर कितना चोट लगा है यह वहां पर भी जनना संभव होगा जहां पर एमआरआई या सीटी स्कैन की सुविधा नहीं है।
चिकित्सक इंफ्रारेड टॉर्च के जरिए यह पता लगा सकेंगे कि दिमाग को कितना नुकसान हुआ है। इसके आधार पर वह आगे के लिए कहां पर भेजना है। कितना वह खुद इलाज कर सकते हैं। इंफ्रारेड टॉर्च के जरिए आंख पर रोशनी डाली जाती है जिससे सेरेब्रॉस्पाइनल फ्लुएड को देखकर ब्रेन में इंजरी का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा बायो मार्कर परीक्षण भी विकसित किया गया है जो किसी भी छोटे सेंटर पर या किया जा सकता है। इन बायोमार्कर के आधार पर इंजरी का अंदाजा लगाया सकता है। यह परीक्षण प्रिगनेंसी टेस्ट की तरह ही है।
संजय गांधी पीजीआई में आयोजित न्यू डिवलेंपमेंट इन न्यूरो सर्जरी विषय़ आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा में बताया कि बार इंजरी के कारण लक्षण बाद में आते हैं और बायो मार्कर में बदलाव जल्दी आ जाते हैं। बिना देर किए मरीज को इलाज के लिए भेजा जा सकेगा। पूर्व निदेशक एसजीपीजीआई प्रो.एके महापात्रा, एम्स दिल्ली के डा. दीपक अग्रवाल, निमहांस बैंगलोर के डा. धवल शुक्ला , अमेरिका के डा. मिलिंद देवगांवकर, संस्थान के प्रो. अरुण कुमार श्रीवास्तव, डा. आशुतोष कुमार सहित अन्य लोगों ने नई तकनीक के बारे में जानकारी दी।
एम्स दिल्ली के पूर्व न्यूरो सर्जन प्रोफेसर सुमित सिन्हा ने कहा कि न्यूरोलॉजिकल सोसायटी आफ इंडिया और न्यूरो ट्रामा सोसाइटी ऑफ इंडिया ने मिलकर ट्रामा के मरीजों के इलाज के लिए गाइडलाइन तैयार किया है। दूसरे देशों में गाइडलाइन है लेकिन भारत में कोई गाइडलाइन अभी तक नहीं है। हम लोगों ने मिलकर 2016 में प्रयास शुरू किया और अब यह गाइडलाइन बनकर तैयार हो गया है । इस गाइड लाइन के जरिए किस अस्पताल में कितना इलाज होना चाहिए और किस इलाज के लिए मरीज को दूसरे सेंटर भेजना चाहिए सहित तमाम मानक तय किए गए हैं। इसे लागू करने के लिए मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया और ट्रामा मैनेजमेंट सिफारिश करेंगे।
नए टेक्नोलॉजिस्ट का एमटीए ने किया स्वागत संजय गांधी पीजीआई में ज्वाइन करने वाले नए लैब एवं रेडियोलॉजी टेक्नोलॉजिस्ट का स्वागत समारोह मेडिटेक एसोसिएशन द्वारा किया गया। एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके सिंह एवं महामंत्री सरोज वर्मा ने कहा कि नए सदस्य यह हमेशा सोच कर काम करें कि यह हमारे घर का मरीज है। वरिष्ठ तकनीकि अधिकारी एपी दीक्षित, वीेके मिश्रा, मनोज शुक्ला, वीरेंद्र यादव, केके चौधरी, मनोज सिंह ने सलाह दिया कि सभी सम्मान करें। नर्सिग एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला सभी एक दूसरे नए काम सीखें। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मनोज श्रीवास्व एवं केपी श्रीवास्तव ने कहा कि हम लोग हर स्तर पर मदद के लिए तैयार है। सभी नए सदस्यों को स्मृति चिन्ह दिया गया।