लखनऊ । संजय गांधी पी जी आई में चिकित्सकों का पलायन रुकने का सिलसिला जारी है। राजधानी में जब से कारपोरेट अस्पताल खुलना शुरू हुआ तब से चार दर्जन के करीब पी जी आई से मेदांता अस्पताल, अपोलो मेंडिस,चंदन अस्पताल, मैक्स अस्पताल में जाने के लिए चिकित्सक आतुर रहते हैं। अब न्यूरोसर्जरी, के वरिष्ठ चिकित्सक कमलेश कुमार ने संस्थान से अलविदा कह दिया और निजी अस्पताल में कार्यभार ग्रहण कर लिया।
पी जी आई के न्यूरोसर्जरी ओ टी में भर्ती मरीजों को भर्ती के लिए फाइल लगाने के लिए पहुंचे तो पता लगा कि डॉ कमलेश कुमार यहां से त्यागपत्र देकर दूसरे अस्पताल में कार्य भार ग्रहण कर लिया ।
जिससे कि मरीजों में हड़कंप मच गया कि अब हमारे मरीज को कौन भर्ती करेंगें। मरीजों के हंगामा होने पर उसी यूनिट के प्रो कांती कुंतल दास ने मोर्चा संभाला और जो मरीज को तत्काल सर्जरी की जरूरत है उन्हीं मरीजों की फाइल लेकर चिकित्सक वार्ड की स्थिति अनुसार कुछ मरीजों को भर्ती किया और दस मरीजों को अगली तारीख देकर आगे आने के लिए कह दिया।
न्यूरोसर्जरी के मरीजों को प्रतिदिन प्रातः काल मरीज की फाइल को लगाना पड़ता हैं। भर्ती मरीज डिस्चार्ज होने पर जिन मरीजों की इमरजेंसी हैं उन्हीं मरीजों को ही कम्प्यूटर पर लाक कर देने पर शुल्क जमा करने के बाद दोपहर 3 बजे से 4 बजे के बाद बिस्तर मिल पाता है। प्रदेश के कोने कोने से आये मरीजों को बाहर रुक कर किसी होटल या लाॅज में रुकने के लिए इंतजार करना पड़ता हैं।
ऐसे ही आज जब डाक्टर साहब पी जी आई छोड़ कर चले जाने पर लोगों में अफरातफरी के माहौल से लोगों ने विभागाध्यक्ष से मिलकर इलाज के लिए गुहार लगाई उसके बाद उनकी यूनिट के चिकित्सक की डिप्यूटी लगने पर मरीजों को राहत का सांस मिली। संस्थान प्रशासन को चिकित्सको के पलायन पर विचार-विमर्श कर इन चिकित्सकों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।