नेत्रदान के लिए जागरूकता आवश्यक

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लखनऊ। नेत्रदान करना ही महादान कहलाता है। यह दान किसी के जीवन में उजाला फैला देता है। इसके लिए अभी लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है। यह बात स्वास्थ्य राज्य मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने सोमवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में नेत्र दान जागरूकता सप्ताह के कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट भी मौजूद थे।

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कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि नेत्रदान करने के लिए अभी लोग जागरूक नहीं है। लोगों में भ्रामक जानकारी है। इसके लिए जागरूक करना होगा। केजीएमयू कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने कहा कि अगर आकंडों को देखा जाए तो प्रदेश भर में कुल 600 कार्निया का प्रत्यारोपण किया गया है। इसमें अकेले 207 केजीएमयू के आई बैंक में किये गये है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष का लक्ष्य एक हजार से अधिक कार्निया का प्रत्यारोपण करना है।

यह आई बैंक केजीएमयू, सीतापुर आई हास्पिटल तथा साइट लाइफ संस्था के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। केजीएमयू आई बैंक के प्रभारी डा. अरून शर्मा ने कहा कि कार्निया को निकालने में केवल 15 से 20 मिनट का समय लगता है। व्यक्ति की मौत के चार घंटे के भीतर कार्निया निकालनी होती है। कार्यक्रम में नेत्र रोग विभाग की डा. विनीता सिंह, डा. मधु भदौरिया भी मौजूद थी।

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