लखनऊ। आर्थिक हालत ठीक न होने के बाद मुख्यमंत्री राहत कोष से इलाज के लिए बजट जारी होने के बाद भी गोमती नगर के डॉ़ राममनोहर लोहिया संस्थान में सिर में हुए ट¬ूमर के इलाज के लिए फैजाबाद से आया 15 वर्षीय मासूम पिछले चार दिन से भटक रहा है, जबकि वह पहले ही संस्थान में ही डॉक्टरों को दिखा चुका है। इसके बाद भी डॉक्टर इलाज करने के बजाय उसको दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि लोहिया संस्थान प्रशासन का कहना है कि इलाज कराया जाएगा। मरीज को कोई परेशानी नहीं होगी।
फैजाबाद निवासी अवधेश कुमार ने बताया कि उनके छोटे भाई विनय कुमार (15) के सिर में पिछले डेढ़ साल से पहले सिर के दाहिने हिस्से की नस में गांठ की पुष्टि होने के बाद ऑपरेशन विवेकानंद पॉलिक्लिनिक में कराया गया था। जांच के दौरान बताया गया कि वह गांठ कैंसर बन रही थी। ऑपरेशन के बाद डेढ़ साल तक विनय पूरी तरह स्वस्थ रहा। फिर अचानक उसका बाएं हाथ-पैर ने काम करना बंद कर दिया और सिर पूरी तरह सूज गया। चार महीने पहले लोहिया संस्थान के न्यूरोसर्जरी विभाग में दिखाया गया तो पता चला कि यह ट¬ूमर है और इसका ऑपरेशन करना होगा।
अवधेश कुमार ने बताया कि उनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। इलाज कर रहे डॉक्टर ने लगभग तीन लाख रूपए का स्टीमेट बनाकर दिया। इसके बाद इलाज के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई गयी। वहां से संस्थान के खाते में डेढ़ लाख रूपए भेज भी दिए गए हैं। उनका आरोप है कि चार दिन पहले न्यूरोसर्जरी विभाग में दिखाया गया। वहांं पर मामला बिल्कु ल उलट गया है। डॉक्टर एक दूसरे पर सर्जरी के लिए टाल रहे है। अब उनका तर्क है कि जहां पहला सर्जरी कराया था। वही सर्जरी कराये। मुख्यमंत्री कोष से बजट जारी होने के बाद भी कोई सुनने को तैयार नहीं है। परिजनों का आरोप है कि रैन बसेरे में दिन-रात गुजार कर इलाज के चक्कर लगा रहे हैं।
जब कि डॉ़ राम मनोहर लोहिया संस्थान के प्रशासन का कहना है कि डॉक्टर ने स्टीमेट बनाकर दिया था वही ऑपरेशन भी जरूर करेगा। सोमवार को जानकारी लेकर मरीज का इलाज कराया जाएगा। किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।
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