लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में डायबिटीज बीमारी से पीडि़त बच्चों की ओपीडी अब अलग शुरु होने जा रही है। यह पीडियाट्रिक इंडोक्राइनॉलाजी के तत्वावधान में संचालित होगी। अभी यह ओपीडी प्रत्येक सोमवार को न्यू ओपीडी बिल्डिंग में चलेगी। बाल रोग विभाग की पहल पर शुरू की जा रही ओपीडी में अब टाइप वन डायबिटीज से पीड़ित बच्चों का इलाज किया जाएगा।
विभाग प्रमुख डॉ. शैली अवस्थी ने बताया कि इस अब तक बाल रोग विभाग में सभी प्रकार के बच्चों की बीमारियों का इलाज होता है। यहां पर डायबिटीज बीमारी के विशेषज्ञ डॉ अर्पिता इसकी ओपीडी अलग से कर रही है। यह सोमवार को शुरू होने पर टाइप वन डायबिटीज के अलावा थाइराइड, विकास अवरोध और हार्मोनल दिक्कत से पीड़ित बच्चों को इलाज किया जाएगा।
डॉ अर्पिता ने बताया कि हमारा मकसद सिर्फ ऐसे बच्चों का इलाज करने के साथ ही उनके अभिभावकों को जागरूक करना भी है, क्योंकि टाइप वन डायबिटीज अगर बच्चों को जीवन भर इंसुलिन देना होता है। ऐसे में कई बार अभिभावक स्वास्थ्य ठीक होने पर इंसुलिन देना बंद कर देते हैं जो बच्चे के लिए हानिकारक होता है। इसके अलावा हार्मोनल दिक्कत में बच्चे का यौन विकास जल्दी या देर से हो रहा हो, हाईपो थाईराइड जिसमें बच्चा मानसिक रूप से कमजो हो जाता है उसका भी इलाज यहां हो सकेंगे। इसमें नवजात शिशु से लेकर 18 वर्ष तक के किशोर अपना इलाज करा सकेंगे।
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