मेट्रो में नौकरी दिलाने के नाम पर करते थे ठगी, गिरफ्तार

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लखनऊ। सर्विलांस सेल की टीम ने मेट्रो में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले पांच जालसाजों को गिरफ्तार किया है। जालसाजों ने एक कार्यालय बनाकर ठगी का कारोबार षुरू किया था। पुलिस का कहना है कि करीब पांच करोड़ रुपये ठगी का प्लान बनाया था। पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि गाजीपुर के हरिहरनगर निवासी जितेन्द्र सिंह, चिनहट के विकल्पखण्ड निवासी सुनील प्रताप सिंह, इन्दिरानगर के सेक्टर 24 निवासी हिमांाशु सिंह, इन्दिरानगर के सेक्टर 11 निवासी ऋषभ सिंह और इन्दिरानगर के गायत्रीनगर निवासी नीरज कुमार चैहान को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी जितेन्द्र ने बताया कि वह मेट्रो में हाउस कीपिंग का काम करता था। इस दौरान उसका वहां के कई लोगों से परिचय हो गया था। इस पर वह विभूतिखण्ड क्षेत्र में अपना एक कार्यालय बनाया, जिसके बाद वहां से लोगों को मेट्रो में नौकरी दिलाने का झांसा देना शुरू किया। इस दौरान आरोपियों ने करीब आधा दर्जन लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर अपनी जाल में फंसा लिया था।

आशियाना के सेक्टर एच में रहने वाली निधि ने बताया कि नीरज चैहान ने उसको और उसके चचेरे भाई को सुपरवाइजर के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर एक लाख 25 हजार रुपये वसूले थे। एसएसपी का कहना है कि आरोपियों ने विभूतिखण्ड क्षेत्र में किराये का कमरा लेकर एक कार्यालय बनाया, जिसके बाद वह लोगों को विभिन्न कम्पनियों के साथ मेट्रो में नौकरी दिलाने का झांसा देते रहे। इस दौरान वह बेरोजगारों से मेट्रो में नौकरी दिलाने का झांसा देकर रुपये वसूल लेते थे। इसके लिए जालसाजों ने मेट्रो में नौकरी का आवेदन फार्म भी तैयार कर रखा था।

गैंग में कोई और तो नहीं?

आरोपी ऋषभ सिंह ने बताया कि मेट्रो में उसकी 14 गाडि़यां चल रहीं हैं। इसके साथ ही जितेन्द्र के भी मेट्रो में कई परिचित लोग हैं। इससे आशंका है कि इनके गैंग में कोई और तो नहीं शामिल था, जो इनको नौकरी के लिए बेरोजगारों को लाने के लिए बुलाता हो? फिलहाल पुलिस जांच कर रही है।

पांच करोड़ रुपये कमाने का था प्लान

आरोपियों ने बताया कि वह मेट्रो में नौकरी दिलाने के नाम पर अपना जाल पूरी तरह से बिछा चुके थे। आरोपी अपने परिचितों के माध्यम से लोगों का बायोडेटा मंगाते थे, जिसके बाद उन्हें झांसा देकर उनसे रुपये वसूलना शुरू कर दिये थे। इसके साथ ही उनका प्लान था कि वह करीब चार से पांच करोड़ रुपये जालसाजी से एकत्र कर शहर छोड़ देते।

इन पदों के लिए देते थे झांसा

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह मेट्रो में जेई, सुपरवाईजर, सफाई कर्मचारी समेत अन्य कई पदों पर नौकरी दिलाने का प्लान तैयार कर बेरोजगारों को झांसा देते थे। झांसे में आये लोगों से आरोपी चार से पांच लाख रुपये वसूलने की तैयारी थी।

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