लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा बृहस्पतिवार को विश्व आपातकालीन चिकित्सा दिवस के अवसर पर इमरजेंसी मेडिसिन विभाग ने वेबिनार का आयोजन किया। विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा जर्नी फ्रॉम इमरजेंसी रूम टू इमरजेंसी मेडिसिन विषय पर चर्चा की गई । इस वेबिनार में आपातकालीन चिकित्सा के विकास और महत्व के बारे में बताया गया ।
चर्चा में डॉक्टरों द्वारा कहा गया कि इसके महत्व एवं आवश्यकता को चिह्नित करने के लिए विश्व स्तर पर मनाया जाता है । इस परंपरा की शुरुआत यूरोप से हुई।
वेबिनार में केजीएमयू के आपातकालीन चिकित्सा विभाग के के विभाग प्रमुख डा हैदर अब्बास ने अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी मेडिसिन वर्तमान में अत्यंत महत्वपूर्ण होती जा रही है। इस चिकित्सा को अब एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में भी शामिल कर लिया गया है। चिकित्सा विश्वविद्यालय में आपातकालीन चिकित्सा विभाग की स्थापना वर्ष 2016 में हुई । तब से यह धीरे-धीरे खुद को पूर्ण रूप से स्थापित कर चुका है । यह जरूरतमंद रोगियों को 24X7 आपातकालीन देखभाल प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभाता है । यह विभाग छह बिस्तरों वाला आपातकालीन आईसीयू भी संचालित कर रहा है।
इसमें डॉ लोकेंद्र गुप्ता, प्रमुख, आपातकालीन चिकित्सा विभाग,मेदांता ने भी भाग लिया । कार्यक्रम का संचालन डॉ उत्सव मणि ने की।
बताते चले कि भारत के राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने अपने राजपत्र में अधिसूचना, अक्टूबर, 2020 में आपातकालीन विभाग का निर्माण किया है | आपातकालीन विभाग देश भर के सभी मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्य है ।
अब आपातकालीन चिकित्सा को एमबीबीएस शिक्षण में भी शामिल किया गया है , एमबीबीएस स्नातक में यह इमरजेंसी मेडिसिन बेसिक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा। देश के कुछ संस्थानों में एमडी और डीएनबी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम मेडिकल द्वारा चलाए जाते हैं |