लखनऊ। जब राजधानी में चिकित्सा व्यवस्था बदहाल है तो सोचिए प्रदेश के दूर-दराज इलाकों में स्वास्थ्य वह कैसी होगी। इसकी बानगी शुक्रवार को देखने को मिली, जब आज सुबह सीएमओ ने तीन पीएचसी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कहीं डाक्टर गायब मिले तो कही सीएचसी ही बन्द मिली। यही नहीं एक जगह तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी स्वास्थ्य केंद्र खुले बैठा था और आने वाले मरीजों को अपनी मर्जी के मुताबिक दवा भी दे देता था . यह जानकर तो सीएमओ डॉक्टर GS वाजपेई के होश उड़ गए . सीएमओ ने इन सीएचसी पीएचसी पर कार्यवाही करते हुए एक दिन का वेतन काट लिया है और स्पष्टïीकरण मांगा है।
दरअसल सीएमओ डॉक्टर GS बाजपेई सुबह स्वास्थ्य केंद्रों पर बुखार के मरीजों को मिलने वाली दवा तथा फीवर डेस्क चल रही है कि नहीं उस का जायजा लेने के लिए थे .पीएचसी कट्टïरा बक्श का आज नौ बजे सीएमओ जीएस बाजपेई ने निरीक्षण किया। सीएमओ जब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे तो अस्पताल के सभी कर्मचारी डाक्टर सहित गायब थे। मरीजो को देखने के लिए और दवा देने के लिए चतुर्थ कर्मचारी मौजूद था। बताते हैं कि मौजूद कर्मचारी जुखाम बुखार दवा तो यूंही मरीजों को बांटता रहता था . मरीजों की संख्या ओपीडी रजिस्टर पर दर्ज करता रहता था आराम से जब डॉक्टर आते थे कुछ मरीज देख कर ओपीडी रजिस्टर में सिग्नेचर कर निकल जाते थे .
सीएमओ ने पीएचसी पर तैनात सभी कर्मचारियों का वेतन काट लिया है और स्पष्टïीकरण मांगा है। यहां से कट्टरा बक्श पीएचसी के बाद सीएमओ गोसाई गंज सीएचसी पहुंचे यहां भी चिकित्सा अधिक्षक ड्यूटी से नदारद मिले और उनके साथ ही दस कर्मचारी और ड्यूटी से गायब मिले। बुखार का प्रकोप देखते हुए दिखावे के लिए फीवर डेस्क तो खोल दी गयी है लेकिन वहां भी कोई कर्मचारी मरीजो को देखने के लिए नहीं मिला। वही महीलाओ की लेबर टेबल गंदी थी संक्रमण इतना था अगर कोई इलाज इलाज कराने आता तो यूं ही बीमार हो जाता सीएमओ ने यहां भी सभी का एक दिन का वेतन काट लिया है और बिना सूचना ड्यूटी से गायब होने का स्पष्टïीकरण मांगा है।
गोसाई गंज के बाद सीएमओ पीएचसी पहुंचे यहां भी कि चिकित्सा अधिक्षक एलटी और आयुष के डाक्टर नदारद मिले। इतना ही नहीं आग जैसी घटना होने पर आग पर काबू पाने वाला अग्निशामक यंत्र भी खाली पड़ा मिला। सीएमओ डॉक्टर जीएस बाजपेई का कहना है स्वास्थ्य केंद्रों का यूं ही औचक निरीक्षण चलता रहेगा.