मांगे न मानी गयीं तो होगा आन्दोलन

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लखनऊ। सभी नर्सेज से अपेक्षा की जाती है कि वह साफ सुथरी तथा प्रेस किया हुआ परिधान पहने । जबकि इसके लिए नर्सो को हर महिने सरकार की तरफ से मात्र 100 रूपये ही दिये जाते हैं। यह कहना है राजकीय नर्सेस संघ के महामंत्री अशोक कुमार का । वह शुक्रवार को बलरामपुर अस्पताल स्थित सभागार में 15 वें अधिवेशन के पहले पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि महंगाई के दौर में क्रियान्वयन करना सहज नही है। महामंत्री यही नहीं रूके, उन्होंने कहा कि वाशिंग भत्ता समेत नर्सिंग बोर्डिंग एलाउंस 115 की जगह केन्द्र के बराबर 4800, यूनिफार्म एलाउंस 5 साल में 2500 की जगह प्रतिमाह 750 रुपये दिये जायें। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट भत्ता 1600 रुपये जो कि नहीं मिलता है, शिक्षा भत्ता 1030 व न्यूज पेपर भत्ता 80 प्रतिमाह दिया जाये। संघ की अध्यक्ष रानी वर्मा ने बताया कि केजीएमयू में हम 200 नर्सेस वर्षो से काम कर रहीं हैं, इसके बावजूद केजीएमयू द्वारा नियुक्ति प्राप्त नर्सेस को पीजीआइ के बराबर भत्ते मिल रहें हैं, समान कार्य करने के बावजूद हम लोंगों को वंचित रखा गया।

उन्होंने कहा कि संविदा पर कार्यरत नर्सेस को, सुप्रीमकोर्ट के आदेशानुसार, समान पद का समान वेतन दिया जाना चाहिये, जिसकी मांग हम लोग प्रदेश सरकार से कर रहें हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने केजीएमयू में संविदा पर कार्यरत नर्सेस को 10 से 12 हजार वेतन दिया जा रहा है जबकि अन्य संस्थानों में 18000 दिया जा रहा है। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर हमारी 10 सूत्रीय मांगों को ध्यान नहीं दिया गया तो नर्सेस संघ, राज्य कर्मचारी संयुक्त कर्मचारी महासंघ के बैनर तले आन्दोलन करने को मजबूर होंगे। अध्यक्ष ने बताया कि अगले दो दिन अधिवेशन, नारी नाट्य कला केन्द्र में आयोजित होगी।

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